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Wednesday, August 22, 2012

बांग्लादेश से मुस्लिम घुसपैठ असम के समस्या का मूल कारणः डॉ. प्रवीण तोगडिया

सरकारों मूल मुदे से ध्यान हटा रही हैः तोगडिया 

नई दिल्ली (अलर्ट न्यूज)। पिछले एक महीने से असम जल रहा है। यह आग असम से लेकर पूरे भारत में फैली है 5 लाख भारत के नागरिक शरणार्थी बने है कुछ असम में और कुछ शेष भारत में, असम में रहने वाली जनजाति अन्य हिन्दू और गैर मुस्लिम हिंसा के शिकार है। केन्द्र और राज्य सरकारें यह समस्या का मूल बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठ है। पर वहां से ध्यान हटाकर पाकिस्तान से लेकर अनेक प्रश्न खडा कर रहे हैं। उक्त बात डा. प्रवीण तोगडिया द्वारा मंगलवार को मीडिया को जारी किये गये प्रेसनोट में कही। 
विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिया ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या पूरे देश की है परन्तु असम के दुबरी, 74.3ः, बारपेटा, 59.4:, हेलाकंडी, 57.6:ए गोलपारा 53.7:ए करीमगंज 52.3:ए नौगांव 51ःए  मेरीगांव- 47.6:ए बोगाईगांव 38.5ःए काचा 36.1:ए दारांग- 305ःए  नलबारी 22.1ःए कोकराझार 20.4ःए पांच जिला बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण मुस्लिम बाहुल बन गये हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में 3 करोड बांग्लादेशी घुसपैठी बस गये है। उन सबको देश से बाहर निकालने का युद्ध स्तरीय समयबद्ध एक्शन प्लान तुरन्त तैयार होना चाहिए। देश में नौकरियां, अन्न और सुविधा का अभाव है इसमें 3 करोड लोग और बेरोजगारी बढा रहे हैं इसके उपरान्त चोरी-डकैती और आतंकवादी घटनाओं में भी उनकी अहम भूमिका है। पूरे देश में फैले ये घुसपैठी और उनके समर्थकों के कारण ही पूरे देश में बसे हुए उŸार पूर्वांचल के हजारो लोगों को अपनी नौकरी, शिक्षा, मजदूरी छोडकर भागना पडा है।
1990 में कश्मीर घाटी के 3 लाख हिन्दुओं की शरणार्थी के बाद यह सबसे बडा पलायन है। मोबाइल या सोशल साइड पर अफवाहें की बात कोई नयी है। परन्तु बांग्लादेशी मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखकर उ.पू. के लोगों को घर-घर में जाकर घमकियां देने वाले लोगों को गिरफ्तार करके दण्डित करने का काम कितनी सरकारों ने किया है। 1951 के आधार पर नेशनल सिटीजन रजिस्ट्री तुरन्त तय करके सभी 3 करोड़ बांग्लादेशीयों को देश से निकालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक लाख के करीबन उत्तर पूर्वांचल के लोगों को अपनी शिक्षा नौकरी रोजगार छोडकर भागना पडा है। उŸार पूर्वांचल में अच्छी शिक्षा या नौकरी नहीं मिल रही है जिसके कारण ही वह शेष भारत में जाकर यह प्राप्त कर रहे थे। उनके साथ बांग्लादेशीयों के कारण जो व्यवहार हुआ है, उससे पूरा देश दःुखी है।

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