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Monday, August 27, 2012

उन्मुक्त ब्रिगेड को दी गई थी कमांडो ट्रेनिंग

उन्मुक्त ब्रिगेड को दी गई थी कमांडो ट्रेनिंग
नई दिल्‍ली। अंडर-19 भारतीय क्रिकेट टीम की सफलता (वर्ल्‍ड कप जीत) में कमांडो ट्रेनिंग की भी भूमिका अहम है। टीम का कोचिंग कैंप बेंगलुरु में था तो उसी दौरान टीम के कोच भरत अरुण ने एक अनोखा प्रयोग किया। युवा तुर्कों को एकजुटता का पाठ पढ़ाने के लिए वे टीम को मैसूर के नागर होल फॉरेस्ट लेकर गए। मैसूर के इन जंगलों में टीम बिल्डिंग सिखाई गई। कई तरह की ड्रिल और टास्क के जरिए खिलाडिय़ों में विरोधियों से लडऩे की भावना सिखाई गई। उपरोक्त जानकारी टीम के ओपनर प्रशांत चोपड़ा के पिता शिव चोपड़ा ने दी। प्रशांत के पिता साई चंडीगढ़ में क्रिकेट के कोच और मां ब्यास चोपड़ा साई में ही वॉलीबॉल कोच है। 
7 किलोमीटर दूर जा कर देखा मैच 
प्रशांत के पिता ने बताया कि वे और प्रशांत की मां सुबह चार बजे ही उठ गए थे क्योंकि चंडीगढ़ के साथ लगते नया गांव में लाइट न होने की वजह से दोनों को सेक्टर 16 स्टेडियम में मैच देखना था। प्रशांत का जल्दी आउट होना निराशाजनक रहा लेकिन भारत की जीत अहम थी। शिव चोपड़ा ने कहा कि टूर्नामेंट में 3 अर्धशतक और खासकर सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 52 रन की पारी बेहद अहम रही। फाइनल के बाद प्रशांत का फोन आया था और वह टीम के साथी खिलाडिय़ों के साथ जश्न मना रहा था। प्रशांत 28 को वापस लौटेगा। 
एचपीसीए देगा 5 लाख 
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट और बीसीसीआई के संयुक्त सचिव अनुराग ठाकुर ने प्रशांत चोपड़ा को 5 लाख का पुरस्कार देने की घोषणा की है। ठाकुर ने भास्कर को बताया कि हिमाचल रणजी प्लेयर प्रशांत ने प्रदेश के क्रिकेट इतिहास में एक नया आयाम स्थापित किया है। भारत लौटने पर प्रशांत को एक समारोह में यह पुरस्कार दिया जाएगा।
sabhar dainikbhaskar.com

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