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Sunday, August 26, 2012

ट्रोले-जीप की भयंकर भिड़ंत में दस की मौत

उदयपुर। बांसवाड़ा मार्ग पर डूंगरपुर जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर सरकण मोड़ के पास जीप व ट्रोले के बीच भयंकर भिड़ंत में 8 लोगों की मौके पर मौत हो गई। जबकि 2 लोगों ने डूंगरपुर अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। मृतकों में 4 महिलाएं, 3 पुरुष व 3 बच्चे हैं। वहीं दर्दनाक हादसे में 18 जने गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। जिन्हें डूंगरपुर के राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
जानकारी के अनुसार रविवार शाम को एक ओवरलोड जीप सवारियां भरकर डूंगरपुर से सागवाड़ा की ओर जा रही थी। सरकण विकट मोड़ में सामने से आ रहे ट्रोले ने जीप को चपेट में ले लिया। जीप को भयंकर टक्कर मारी, जिससे जीप के परखच्चे उड़ गए। ट्रोला सामने की पहाड़ी से टकराकर रुक गया। जीप में सवार एक युवक घसीटकर ट्रोले के आगे गिरा, जिसकी मौत हो गई। मृतक एक महिला का पैर कटकर उसके शरीर से करीब 10 फीट दूर जा गिरा। दुर्घटना के बाद यात्री दूर-दूर जा गिरे। घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गए। एकत्रित भीड़ ने घायलों को बाहर निकालकर निजी वाहनों से डूंगरपुर अस्पताल ले गए।
दुर्घटना में 8 जनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। दो जनों ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राहुल जैन, जिला कलेक्टर पूनम, डीएसपी डूंगरपुर पीरसिंह राठौड़, सागवाड़ा डीएसपी नंदकिशोर वर्मा सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।

अस्पताल में लगी परिजनों और लोगों की भीड़: डूंगरपुर-बांसवाड़ा मार्ग पर सरकण विकट मोड़ पर जीप व ट्रोले के बीच दर्दनाक हादसे में 10 की मौत और 18 जनों के घायल होने के बाद माहौल हाहाकार, चीत्कार और रुदन में बदल गया। मृतकों के शव और घायल सड़क पर इधर-उधर बिखरे हुए पड़े थे। घायलों की चीत्कार से मार्ग से गुजर रहे वाहनधारी और आसपास के लोग दौड़ पड़े। दर्दनाक हादसे को देख हर किसी के मुंह से आह निकल आई और आंखों में पानी। किसी मां, किसी का भाई, तो किसी का पिता, बहन, मामा की मौत से आंखें नम हो गई। लोगों ने जीप में फंसे और बाहर पड़े घायलों को संभाला और मार्ग से गुजर रहे निजी वाहनों से डूंगरपुर अस्पताल की ओर रवाना किया। हर कोई घायलों को इलाज के लिए जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने में लगा था।


घायलों के अस्पताल पहुंचने ही वहां भी हाहाकार, चीत्कार और रुदन का माहौल हो गया। घायलों को अस्पताल में दाखिल करने के लिए स्ट्रक्चर भी कम पड़ गए, तो लोगों ने उन्हें पकड़कर अस्पताल में दाखिल करवाया, जहां उनका इलाज जारी है। सूचना पर मृतकों व घायलों के परिजन तथा आसपास की विभिन्न पंचायतों के लोग घटना स्थल व अस्पताल में पहुंचने लगे। मृतक व घायल अधिकतर हिराता, आसेला , सरकण कोपचा क्षेत्र के है। हर किसी के आंखों से अश्रूधारा बह रही थी। परिजनों के आंखों से आसूं नहीं रुक रहे थे, तो उनके परिजन ढांढस बांध रहे थे।
दो बेटियों व पत्नी को सीने से लगाकर फूट-फूट कर रोया पिता: दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो मासूम बेटियों को खो दिया। संगीता डूंगरपुर आई हुई थी, जो जीप में बैठकर वापस घर को लौट रही थी कि काल का ग्रास बन गए। संगीता की एक वर्षिय नन्ही बेटी पूजा दुर्घटना के बाद भी उसी की मृत पड़ी थी। वहीं पूजा जीप के बाहर सड़क पर मृत हालत में पड़ी थी। सूचना पर पति व पिता सुंदरलाल रोत दौड़कर पहुंचा और पत्नी व बेटियों को मृत देखकर आंखों से अश्रूधारा बहने लगी। मृत बेटियों को सीने से लगाकर फूट-फूटकर रोया। वहीं लोग भी अपने रिश्तेदारों व परिजनों की मौत पर आंखों से आसूं निकल आए।
घायल ने 108 पर संपर्क किया, लेकिन नहीं आई: दुर्घटना में एक घायल ने सड़क पर लेटकर ही 108 व अन्य स्थानों पर मोबाइल लगाकर सहायता की गुहार लगाता रहा। लेकिन 108 पर संपर्क के बाद भी नहीं आई। घटना के करीब दो घंटे बाद 108 मौके पर पहुंची, तब तक घायल और मृतकों के शव को अन्य वाहनों से अस्पताल तक पहुंचा दिया गया था। 108 के देरी से घटना स्थल पर पहुंचने पर मौके पर मौजूद लोगों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया। लोगों का कहना था कि घटना स्थल डूंगरपुर मुख्यालय से 8 किमी ही दूरी पर था। डूंगरपुर की 108 पिछले एक माह से खराब है। वहीं अतिरिक्त व्यवस्था के तहत लगी एंबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंच सकी।
यह हुए घायल: सड़क हादसे में रामलाल पुत्र कचरा रोत, शांतिलाल पुत्र रामलाल, हेमेंद्र पुत्र रामलाल निवासी धरती माता, मुकेश पुत्र कांतिलाल, भंवर पुत्र कारूलाल, प्रियंका गटू, सुरता गटू, हीर रणछोड़, जीवा पुत्र धर्मा, कमलेश पुत्र पेमजी निवासी हिराता, हरीश पुत्र कचरूलाल रोत लोलकपुर, चिमनलाल पुत्र लक्ष्मण मारगीया, रीता अमृतलाल बयौड़ा, टीना पुत्री पप्पू निवासी फावटा, माया गौतमलाल रोत गोलआंबा, भंवर कुंवर पत्नी दौलतसिंह ओबरी, शर्मिला पुत्री जयंतीलाल परमार निवासी डोल कुंजेला व हाजू पुत्री गणेश निवासी थाणा गंभीर रूप से घायल हो गए है। घायलों में किसी के हाथ, तो किसी के पैर, सिर व शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोंटें आई थी। घायल लहुलुहान हालत में पड़े थे, जिन्हें लोगों ने संभालकर अस्पताल तक पहुंचाया।
हिराता पंचायत क्षेत्र में माहौल में गमगीन: दुर्घटना में मृतक व घायल अधिकतर हिराता पंचायत क्षेत्र के है। घटना की सूचना के बाद हर कोई घटना स्थल और अस्पताल पहुंचा और वीभत्स हादसे को देख आह निकल पड़ी। घटना के बाद गांव में माहौल गमगीन हो गया और गांव में रुदन के स्वर गूंजने लगे। मरने वाले गांव में किसी का भाई, बहिन, पिता, मामा, काका, मां थी। ऐसे में हर व्यक्ति अपनों की सुध लेने पहुंच गया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने लगाया जाम: दर्दनाक हादसे के बाद आक्रोशित लोगों ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा मार्ग पर पत्थर डालकर जाम लगा दिया। इस दौरान मार्ग से गुजरने वाले कई वाहनों पर आक्रोशित लोगों ने मुक्के बरसाए और वाहनों को रोकने के प्रयास किए। करीब आधा घंटा तक जाम रहा। इसके बाद मौके पर पहुंचे डीएसपी पीरसिंह राठौड़ व सीआई ज्ञानेंद्र सिंह ने लोगों से समझाइश कर मार्ग खुलवाया।
जनप्रतिनिधियों ने पूछी कुशलक्षेम: हादसे के बाद सत्ताधारी कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों के जनप्रतिनिधि घटना स्थल व अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी लेते हुए घायलों की कुशलक्षेम पूछी। दुर्घटना के बाद सांसद ताराचंद भगोरा, जिला प्रमुख भगवतीलाल रोत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रियकांत पंड्या, कांग्रेस महामंत्री सुखदेव यादव, रतनलाल पाटीदार, उर्मिला अहारी, चिराग पंड्या तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता शंकरसिंह सोलंकी, नगर परिषद की सभापति सुशीला भील, शार्दुलसिंह राठौड़, हीरालाल भील, प्रवक्ता डा. अरविंद शर्मा सहित कई सरपंच, पंच व जनप्रतिनिधि अस्पताल पहुंचे।
यह पहुंचे अधिकारी: घटना की सूचना मिलने पर कलेक्टर पूनम, एसपी डा. राहुल जैन, अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेंद्र कोठारी, डीएसपी डूंगरपुर पीरसिंह राठौड़, सागवाड़ा डीएसपी नंदकिशोर वर्मा, सीएमएचओ डा. कांतिलाल वर्मा, तहसीलदार नीता वसीटा, कोतवाली सीआई ज्ञानेंद्र सिंह, वरदा थानाधिकारी धर्मीलाल, दोवड़ा थानाधिकारी दिलीप दान, सदर एसआई नारायणलाल, ट्रैफिक इंचार्ज महेंद्रसिंह सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। एमबीपी के सशस्त्र जवानों ने मार्ग को वापस सुचारू करवाया।
पीएमओ सहित डॉक्टरों ने संभाली कमान: दर्दनाक हादसे की सूचना पर डूंगरपुर अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनएस भाटी सहित कई डॉक्टर अस्पताल पहुंच गए और घायलों का इलाज शुरू कर दिया। डा. सतीश श्रीमाली, डा. गोविंद गुप्ताख् डा. राजेश सरैया, डा. गोकुल प्रजापत, सहित कई डॉक्टरों ने घायलों का इलाज किया। वहीं नर्सिंगकर्मियों ने भी सहयोग दिया। वहीं देर शाम को करीब 7 शव के पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था। वहीं तीन शवों के परिजन देर शाम तक अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण पोस्टमार्टम की कार्रवाई नहीं हो सकी।
मृतकों व घायलों को सहायता की घोषणा: दुर्घटना में मृतक व घायलों के परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता की घोषणा की गई है। जिला कलेक्टर पूनम ने बताया कि सभी 10 मृतकों के परिजनों को 20-20 हजार रुपए एवं घायलों को 5-5 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे।
ओवरलोड और विकट मोड़ बना कारण: रविवार को हुआ दर्दनाक हादसा विकट मोड़ और जीप में क्षमता से अधिक भरी सवारियों के कारण हुआ है। दुर्घटना जिस स्थान पर हुई वह विकट मोड़ है। इस मोड़ पर सामने से आने वाले वाहन नजर तक नहीं आते है और कई बार अचानक वाहन आ जाने से दुर्घटना ग्रसित हो जाती है। वहीं जीप में क्षमता से अधिक सवारियों को ऊपर नीचे भरा गया था। जीप में मृतक 10 और घायल 18 सहित 28 सावरिया भरी हुई थी, जिस कारण यह हादसा हुआ। जिले में अब भी ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लग सका है। जिससे इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही है।
इनकी हुई मौत: भयंकर दुर्घटना में शांति (45) पत्नी भेमा यादव निवासी ऊपरगांव, संगीता (30) पत्नी सुंदरलाल रोत, उसकी पुत्री सोनल (3) पूजा (1) निवासी होली लेमड़ा, चुन्नीलाल (50) पुत्र धूलाजी ननोमा निवासी बंदेड़ा हीराता, सूर्या (18) पुत्री सवजी रोत निवासी सरकण कोपचा, दौतलसिंह (50) पुत्र किशोरसिंह निवासी ओबरी, मणी (31) पत्नी बाबूलाल निवासी सेलज, जीप चालक दयाराम (22) पुत्र आत्माराम कटारा निवासी कमलपुरा एवं ओमप्रकाश की मौत हो गई है।
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