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Sunday, August 26, 2012

तीन दिन में सूरत बदल गयी राजस्थान की

जयपुर 
राजस्थान में तीन दिन हुई मूसलाधार बारिश ने राज्य में मंडरा रहे सूखे की आशंका को (पश्चिमी राजस्थान को छोड़कर) काफी हद तक खत्म कर दिया और कहीं कहीं अतिवृष्टि से निपटने के कदम उठाने पड़े हैं। प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गयी है। राजस्थान के आपदा राहत राज्य मंत्री बृजेन्द्र ओला के अनुसार, ‘‘हम जहां सूखे की मार से निपटने की तैयारियों में जुटे हुए थे वहीं अचानक इन्द्र देवता ऐसे मेहरबान हुए कि बारह जिले अतिवृष्टि की चपेट में आ गये और हमें सूखे को छोड़कर पानी में फंसे लोगों और निचले इलाकों में जमा पानी को निकालने के लिए सेना की मदद लेनी पड़ी।’’ कृषि मंत्री हरजी राम बुरडक ने कहा कि तीन दिन में हुई अच्छी वर्षा से सूखे की मार से राहत मिली है। वैसे अभी स्पष्ट तौर से यह नहीं कहा जा सकता है कि सूखे से कितने जिले प्रभावित होंगे और वर्षा से हुए आकलन की रिपोर्ट के बाद ही सही तस्वीर सामने आयेगी। उन्होंने कहा कि यह जरूर है कि कुछ इलाकों को छोड़कर राज्य में आमतौर पर लोग चारे और पानी के लिए परेशान नहीं होंगे। कृषि विभाग सूत्रों के अनुसार प्रदेश में एक सौ बाइस लाख हैक्टेयर क्षेत्र में से बयासी फीसद में बुवाई हो चुकी है। इसमें से मात्र दो प्रतिशत हिस्से में मूसलाधार बारिश की वजह से पानी भरे होने से फसल खराब होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि तीन दिन की बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई है हालांकि इस दौरान नुकसान भी हुआ है।
राजस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार हम प्रदेश में सूखे से निपटने के लिए केन्द्र से आने वाले उच्चस्तरीय अध्ययन दल को सूखे की स्थिति के बारे में आंकड़े उपलब्ध कराने के लिये उन्हें जुटाने में व्यस्त थे कि मंगलवार की रात को शुरू हुई तेज बारिश ने प्रदेश की सूरत ही बदल दी। उन्होंने कहा, ‘‘जहां हम सूखे के आंकड़े एकत्रित करने में लगे थे वहीं अचानक अतिवृष्टि से घिरे लोगों की मदद के निर्देश मिल गये।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को प्रदेश में सूखे का अध्ययन करने के लिए आने वाले उच्चस्तरीय दल को नहीं आने का अनुरोध करना पड़ा। राज्य में सूखे की स्थिति समाप्त हो गयी है, यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना जरूर है कि इस बारिश से प्रदेश को काफी राहत जरूर मिली है। राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव (जलदाय) पुरूषोत्तम अग्रवाल के अनुसार प्रदेश में तीन दिन की बारिश के बाद राज्य में सामान्य वर्षा हो चुकी है। प्रदेश के तैतीस जिलों में से सात में सामान्य से अधिक, बीस में सामान्य और छह जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अभय कुमार से जब प्रदेश में सूखे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘आप सूखे की बात कर रहे हैं, हम अधिक वर्षा के कारण अतिवृष्टि से जुझ रहे हैं।’’ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान में सामान्य वर्षा से करीब साठ फीसद से भी कम वर्षा होने के कारण इस इलाके को सूखे की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कम वर्षा होने के कारण तय बुवाई से तीन चौथाई बुवाई कम हुई है लेकिन शेष इलाकों में कम से कम चारे और पानी की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा।
sabhar प्रभासाक्षी 

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