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Sunday, January 6, 2013

स्वयंसेवकों ने किया वृक्षारोपण

मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। सनातन धर्म महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय शिविर के दूसरे दिन शांति दिवस के रूप में आयोजित किया गया। स्वयं सेवकों ने इस दिन वृक्षारोपण का कार्य किया तथा डा. सूर्यप्रकाश अग्रवाल ने पर्यावरण प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि मन खराब होने से पर्यावरण प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि मन खराब होने से पर्यावरण पर प्रभाव पडता है। मन खराब होने से पर्यावरण खराब हो जाता है। वातावरण को सही करने के लिए मानसिक शंाति की जरूरत है। जिसके लिए स्वयं के विचारों में बदलाव लाने की आवश्यकता है। तनाव से दूर रहने की जरूरत है। मान अपमान का व्यर्थ में न उलझें तो वातावरण खराब होने से बचाया जा सकता है। स्वयं को परिवर्तित करे तो समाज भी परिवर्तित हो जायेगा। समाज बदलेगा तो राष्ट्र में परिवर्तन स्वतः हो जायेगा। प्रकृति का संतुलन बनाये रखने के लिए वनों का होना जरूरी है। वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं। वृक्षों से ही बादल आते है और वृक्ष ही पृथ्वी की उपजाऊ शक्ति को बढाते हैं। वन वर्षा लाने में सहायक होते है। वृक्षों से ही बादल आते है और वृक्ष ही पृथ्वी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं। वर्षा के जल को सोख कर बाढ का खतरा कम करते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिएवन संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति जब भी मौका मिले वृक्षारोपण जरूर करें। वृक्ष ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण इत्यादि प्रदूषणों को रोकने में सहायक होते है। वन से ही अनेक जीवनपयोगी वस्तुएं प्राप्त होती है इसलिए वृक्षों का मानव जीवन में अत्यंत महत्व समझते हुए ही हमारे ऋषि व मुनियों ने वृक्षों के संरक्षण को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बनाया है। अमरीश कुमार संगल ने स्वंय सेवकों को अल्प बचत की विभिन्न योजनाओं के विषय में बताया। शिविर के तीसरे दिन के दूसरे सत्र में स्वंय सेवकों ने साक्षरता अभियान में गांव में साक्षरता दौड का आयोजन किया जिसमें पूर्णिमा शर्मा, अंशु सैनी, प्रियंका त्यागी, रीनू त्यागी, सीमा रानी, विजय लक्ष्मी आदि ग्रामीण महिलाओं ने हिस्सा लिया। शिक्षा बहुत आवश्यक है। हर नारी को शिक्षित करने का अभियान चलाया है ऐसा विश्वास जागृत करने का प्रयास किया गया। इस दौड के आयोजन में स्वयं सेवक केंद्र, शिवकुमार चौहान, सरिता, राहुल शर्मा, मौ. आसिपफ, नीटू सिंह,  रामकुमार आदि ने बहुत उत्साह व लगन से कार्य किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अध्किारी डा. निशा अग्रवाल के नेतृत्व में किया गया। प्राचार्य डा. दिनेश कुमार का पूण्र सहयोग प्राप्त हुआ। डा. एसपी अग्रवाल, डा. जेके मित्तल, सुखपाल, अमरीश, डीके जैन, अंजुल भूषण, राजीव कुमार, डा. शरद कुमार गुप्ता व सुरेंद्र कुमार का पूर्ण सहयोग रहा।

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