
दरअसल, आजम खान ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती को निशाना बनाने के लिए ऐसा उदाहरण दिया. आजम का कहना था कि शाहजहां को कोई हक नहीं था कि जनता के पैसों से अपनी बेगम की याद में ताजमहल बनाकर फिजूलखर्ची करें. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को घेरते हुए आजम ने कहा, 'जैसे पब्लिक के पैसे से ताज बनाने का किसी को हक नहीं, उसी तरह मायावती को हक नहीं कि वो जनता के पैसे से हाथी बनवाएं’.
कभी समाजवादी पार्टी में रह चुके शाहिद सिद्दिकी ने आजम के बयान की आलोचना की है. सिद्दीकी ने कहा, 'आजम खान बयान देते वक्त शायद ये भूल गए कि हिन्दुस्तान में ताज के मायने क्या हैं. शायद उन्हें ये भी याद नहीं रहा कि देश के बाहर भी ताज को हमारी बड़ी पहचान के तौर पर देखा जाता है. आजम साहब शायद ये भी भूल गए ताज दुनिया के अजूबों में शुमार है और पूरा संसार उसके दीदार को तरसता है’.
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