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Friday, January 25, 2013

डीएम सुरेन्द्र सिंह बने माईलस्टोन

शुक्रवार को डीएम हुए बेस्ट इलैक्ट्रोल प्रैक्टिसज अवार्ड से सम्मानित

मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। प्रदेश के कई आईएएस अधिकारी बेहतर कार्य करने के मामले में माईलस्टोन साबित हो चुके हैं। लोकतंत्र को मजबूत करने और जनता को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए इन अधिकारियों ने मन लगाकर ऐसा काम किया कि जिसने मिसाल प्रस्तुत की है। जनपद के डीएम सुरेंद्र सिंह व आईएएस अधिकारी कामिनी रतन चौहान को चुनाव आयोग भारत निर्वाचन आयोग बेस्ट इलैक्ट्रोल प्रैक्टिसज अवार्ड से 25 जनवरी को आज सम्मानित किया गया तो जनपद में खुशी का माहौल बन गया। टीवी पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख नगरवासी अपने डीएम को उप राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत होते देख बेहद खुश हुए। सृजनात्मक सोच के धनी ये अधिकारी अन्य कई क्षेत्रों में भी बेहतर काम करने के लिए उत्तर प्रदेश में जाने जाते हैं।
 यह प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार भारत के चुनाव आयोग द्वारा संचालित होता है। डीएम सुरेन्द्र सिंह के साथ ही आईएएस कामिनी रतन चौहान को भी संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया। शुक्रवार को देशभर में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है और इस नेशनल अवार्ड के लिए उत्तर प्रदेश के दो बडे अधिकारियों का नाम आना अपने आप में गौरव की बात है। मतदाताओं की जागरूकता के लिए युवा आईएएस सुरेन्द्र सिंह ने फिरोजाबाद में डीएम रहते हुए एक ही दिन में सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को मत डालने के लिए जागरूक किया था। उन्हीं की मेहनत का परिणाम था कि फिरोजाबाद में मत प्रतिशत बेहद ही अच्छा रहा था। वहीं बुलदंशहर की डीएम रही कामिनी रतन चौहान ने भी मतदाताओं की जागरूकता के लिए अनेक कीर्तिमान स्थापित करने वाले जन जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये। उन्होंने उस समय मतदाताओं की सोच को व्यापक रूप देने और मत डालने के लिए सबसे बड़ी रंगोली बनवाकर कीर्तिमान स्थापित किया था। पूरे देशभर में स्तरीय व  ईमानदारी से चुनाव संचालन के लिए यह जो राष्ट्रीय अवार्ड है इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर करीब साठ आईएएस अध्किारियों काचयन किया गया था। बाद में इन सभी की पहले राउंड में प्रतियोगिता कराई गयी। बाद में प्रदेश के तेरह आईएएस अधिकारियों का चयन नेशनल अवार्ड की दौड़ के लिए अंतिम चरण में किया गया। अंतिम चरण में देशभर से तीन आईएएस अधिकारियों को नेशनल अवार्ड के लिए चुना गया। जिसमें जनपद के वर्तमान डीएम सुरेंद्र सिंह को प्रथम स्थान मिला है। इसके अतिरिक्त भरूच (गुजरात) की डीएम अवंतिका ओलक और मेघालय के आईएएस प्रवीण बख्शी को द्वितीय स्थान जबकि बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण भारद्वाज और झाबुआ की डीएम श्रीमती जय कियावत को तृतीय पुरस्कार दिया गया है। डीएम सुरेन्द्र सिंह ने चुनाव प्रबंधन व मत प्रतिशत बढाने के अतिरिक्त भी अनेक कार्यो में कीर्तिमान स्थापित किया है। वे इससे पहले भी मनरेगा योजना में भी बेहतर कार्य कर प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत हो चुके हैं। उन्होंने मुजफ्फरनगर जिले में तालाबों की सुरक्षा का प्रोजेक्ट लागू किया। जिससे तालाबों की जमीन को सुरक्षित करने उन्होंने अवैध कब्जों से बचाने के लिए एक अच्छी योजना बनाई थी। उन्होंने फिरोजाबाद में भी तालाबों के चारों ओर खाई खुदवाने की योजना बनाई थी जिससे वहां कोई पहुंच न सके। इसके अलावा उन्होंने पौधारोपण कराकर क्षेत्र को हरा भरा करने की योजना लागू करने से कई शहर अवैध कब्जे से मुक्त हो गये हैं। मनरेगा योजना में भी उनके प्रयासों से रोजगार में इजाफा हुआ। उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव ने भी डीएम के इस प्रोजेक्ट की सराहना की है और जल्द ही उत्तर प्रदेश शासन इस प्रोजेक्ट का अधिकृत शासन आदेश जारी करने वाला है। डीएम सुरेन्द्र सिंह ने जनपद में रहते हुए शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराया। भारत के स्वाधीनता संग्राम, महिला सशक्तिकरण, कन्या भ्रूण हत्या, पर्यावरण संरक्षण एवं मतदाता जागरूकता व क्लीन सिटी ड्राइव जैसे सृजनात्मक कार्य इस बार इस गणतंत्र दिवस के मौके पर सप्ताह भर चलाये। यही नहीं डीएम सुरेंद्र सिंह ने जनपद में अपने स्तर से शिक्षा, खेलकूद, स्वास्थ्य विकास, बेटी बचाओ, कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध जन जागरूकता पर्यावरण सुरक्षा पोलिथीन मुक्त समाज व अन्य कुछ अलग हटकर ऐसे विकास कार्य किये है जो उनको उत्तर प्रदेश में अन्य अध्किारियों से अलग पहचान दिलाते है। डीएम सुरेंद्र सिंह का मानना है कि एक कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी का यह दायित्व है कि वह जनकल्याण कार्य पारदर्शी रूप से करे। जिसमें शासन की सभी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे तभी सुंदर समाज की स्थापना जन सहयोग से हो सकेगी।

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