Pages

Friday, January 25, 2013

सनसनीखेज खुलासाः ...तो आज आजाद होता सरबजीत

सनसनीखेज खुलासाः ...तो आज आजाद होता सरबजीत
चंडीगढ़. पाकिस्तान की जेल में 19 साल से बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह शायद आज आजाद होता। सुप्रीम कोर्ट में दायर रिव्यू पिटीशन में स्पेशल जज के सामने दिए गए उसके बयान शामिल नहीं किए गए। उसके बयान 3-10-1991 को दर्ज किए गए थे, जो इस केस का रुख पलट सकते थे।
सरबजीत का केस लड़ रहे पाकिस्तानी वकील ओवैस शेख ने शनिवार को चंडीगढ़ में एक किताब रिलीज करते हुए यह दावा किया। उन्होंने कहा कि सरबजीत के खिलाफ तीन केस थे। उसका कन्फेशनल बयान किसी भी केस में नहीं लिया गया। सरबजीत से पूछे गए कुछ सवालों से साफ पता चलता है कि उस पर जुर्म कबूल करवाने के लिए दबाव बनाया गया था।
वे बयान, जो सरबजीत ने स्पेशल जज के सामने दिए थे
स्पेशल जज: क्या तुम्हें बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई है?
उत्तर: नहीं। यह सच नहीं है।
स्पेशल जज: क्या तुमने 28-7-1990 को बस में थैला रखा था?
उत्तर: नहीं। 
स्पेशल जज: क्या तुम जानते हो कि बस में ब्लास्ट हुआ था?
उत्तर: विस्फोट के बारे में मैं कुछ नहीं जानता। मैं उस समय भारत में था।
स्पेशल जज: क्या यह सच है कि तुमने 8-9-1990 को जज के समक्ष 5 जगहों पर ब्लास्ट की बात स्वीकार की थी?
उत्तर: नहीं, मुझे किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश नहीं किया गया। कागजात पर मेरे दस्तखत भी नहीं हैं।
स्पेशल जज: केस तुम्हारे खिलाफ क्यों है?
उत्तर: इस केस में 31-8-1990 को मंजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मिनिस्ट्री ने उसे छोड़ दिया। उसकी जगह मुझे फंसा दिया। 
स्पेशल जज:  तुम्हें और कुछ कहना है?
उत्तर:  मैं बेगुनाह हूं।
19 साल में इतनी बदल गई सूरत
सरबजीत के वकील ओवैस शेख ने शनिवार को भास्कर कार्यालय आकर सरबजीत का हालिया फोटो दिखाया। अवैस ने कहा कि सरबजीत राजनीति का शिकार बने है।
sabhar dainikbhaskar.com

No comments:

Post a Comment