गांगुली ने कहा है कि शनिवार को लक्ष्मण ने अचानक संन्यास की घोषणा कर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को आगाह कर दिया है कि सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। यह बात और भी चौंकाने वाली है कि लक्ष्मण कहते हैं कि उन्हें धोनी से बात करने का मौका नहीं मिला। गांगुली ने कहा कि कप्तान को 24 घंटे उपलब्ध होना चाहिए। पता नहीं धोनी ने ऎसा क्यों किया। मुझे लगता है कि लक्ष्मण को अगर धोनी का समर्थन मिल जाता तो स्थिति कुछ और हो सकती थी।
श्रीकांत के साथ बड़ी समस्या
गांगुली ने कहा कि श्रीकांत की बड़ी समस्या संवाद स्थापित नहीं कर पाना है। लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी केवल दो टेस्ट मैचों के लिए खुद को फिट रखने के लिए इतनी मेहनत नहीं करता। अगर चयनकर्ता अपना मत लक्ष्मण को पहले ही बता देते तो यह स्थिति पैदा नहीं होती। उन्होंने यह मामला अगस्त तक क्यों खींचा। शायद चयनकर्ताओं के विचार ने लक्ष्मण को ज्यादा निराश किया होगा। गांगुली का मानना है कि श्रीकांत की चयन नीति भारतीय क्रिकेट के विकास के लिए हानिकारक है। ये भारतीय क्रिकेट के भविष्य को ध्यान में रख कर टीम का चयन नहीं करते, बल्कि कुछ घटा या बढ़ाकर संतुलन बनाने का प्रयास करते हैं।
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