नई दिल्ली. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में हाल ही में पूर्वोत्तर के लोगों को आए आपत्तिजनक एसएमएस-एमएमएस के पीछे पाकिस्तान के उपद्रवी तत्वों का हाथ पाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच में सामने आया है कि करीब 100 ऐसी वेबसाइटें हैं जिन पर भारत में हिंसा भड़काने वाली फोटो और संदेश लिखे हुए हैं। इस बीच शनिवार को इलाहाबाद में लगाया गया कर्फ्यू भी हटा दिया गया। सीबीआई ने असम हिंसा की जानकारी देने वाले को एक लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने शनिवार देर शाम कहा कि मंत्रालय ने इन संदेशों और फोटो के अपलोड होने का स्थान पता लगाने के लिए दो टीमों का गठन किया था। इन टीमों ने पाया है कि ये सभी पाकिस्तान से किए जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि इनमें से 76 वेबसाइटों को ब्लाक कर दिया गया है जबकि 34 अन्य को ब्लाक करने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, 'जिन तस्वीरों को अपलोड किया गया है, उनमें से कुछ म्यांमार की पुरानी हिंसक घटनाओं की तस्वीरें हैं। इन्हें जानबूझकर भारत में हिंसा फैलाने और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडऩे के लिए अपलोड किया गया है। यह बेहद आपत्तिजनक है और हम इसे सार्वजनिक इसलिए कर रहे हैं कि दुनिया को पता लगे कि पाकिस्तान के शरारती तत्व किस तरह का काम कर रहे हैं।' गृह मंत्रालय इस मामले को विदेश मंत्रालय के जरिए पाक के समक्ष उठाएगा। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा 7 सितंबर से अपनी तीन दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान दहशत भरे एसएमएस के पीछे वहां के शरारती तत्वों के हाथ का मामला उठाएंगे। इस बारे में पड़ोसी देश से लिखित में आपत्ति भी दर्ज कराई जाएगी और वे दस्तावेज भी सौंपे जाएंगे जिनसे यह प्रमाणित होगा कि जिन संदेशों और तस्वीरों से भारत में दहशत फैली है, वह पाकिस्तान से अपलोड किए गए हैं। केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने 'भास्कर' से कहा, 'यह संवेदनशील मामला है। इसलिए हमने लिखित में ही आपत्ति दर्ज कराने का निश्चय किया है। अगर जरूरत समझी गई तो पाक गृह सचिव से बातचीत से भी गुरेज नहीं करेंगे।'
उधर, सूत्रों के मुताबिक इस मामले में गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को आईएसआई का हाथ होने के भी साक्ष्य दिए हैं। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान पाक को सभी संबंधित साक्ष्य दिए जाएंगे। उससे कहा जाएगा कि वह इन मामलों के पीछे मौजूद लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दे। पड़ोसी देश से यह भी कहा जाएगा कि द्विपक्षीय संबंधों में जिन बातों से दरार आती है, उसे रोकने के लिए वह समुचित कदम उठाए। इस बीच, दक्षिण भारत से शुरू हुए ये एसएमएस शनिवार को राजधानी दिल्ली पहुंच गए। लेकिन पुलिस ने उत्तर पूर्व के लोगों को पूरी सुरक्षा देने का वादा किया है। दिल्ली पुलिस ने ऐसे सभी एसएमएस को केवल अफवाह बताया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त रॉबिन हीबू ने कहा, 'उत्तर पूर्व के लोगों के खिलाफ झूठे एसएमएस भेजे जा रहे हैं। खासकर जिनमें हमले की धमकी दी जा रही है। उधर, अफवाहों के चौथे दिन भी बेंगलुरु से पलायन जारी रहा। वहीं पिछले चार दिनों से दक्षिण भारतीय राज्यों में उत्तर पूर्व के लोगों के खिलाफ दहशत भरे एसएमएस भेजे जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने शनिवार देर शाम कहा कि मंत्रालय ने इन संदेशों और फोटो के अपलोड होने का स्थान पता लगाने के लिए दो टीमों का गठन किया था। इन टीमों ने पाया है कि ये सभी पाकिस्तान से किए जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि इनमें से 76 वेबसाइटों को ब्लाक कर दिया गया है जबकि 34 अन्य को ब्लाक करने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, 'जिन तस्वीरों को अपलोड किया गया है, उनमें से कुछ म्यांमार की पुरानी हिंसक घटनाओं की तस्वीरें हैं। इन्हें जानबूझकर भारत में हिंसा फैलाने और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडऩे के लिए अपलोड किया गया है। यह बेहद आपत्तिजनक है और हम इसे सार्वजनिक इसलिए कर रहे हैं कि दुनिया को पता लगे कि पाकिस्तान के शरारती तत्व किस तरह का काम कर रहे हैं।' गृह मंत्रालय इस मामले को विदेश मंत्रालय के जरिए पाक के समक्ष उठाएगा। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा 7 सितंबर से अपनी तीन दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान दहशत भरे एसएमएस के पीछे वहां के शरारती तत्वों के हाथ का मामला उठाएंगे। इस बारे में पड़ोसी देश से लिखित में आपत्ति भी दर्ज कराई जाएगी और वे दस्तावेज भी सौंपे जाएंगे जिनसे यह प्रमाणित होगा कि जिन संदेशों और तस्वीरों से भारत में दहशत फैली है, वह पाकिस्तान से अपलोड किए गए हैं। केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने 'भास्कर' से कहा, 'यह संवेदनशील मामला है। इसलिए हमने लिखित में ही आपत्ति दर्ज कराने का निश्चय किया है। अगर जरूरत समझी गई तो पाक गृह सचिव से बातचीत से भी गुरेज नहीं करेंगे।'
उधर, सूत्रों के मुताबिक इस मामले में गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को आईएसआई का हाथ होने के भी साक्ष्य दिए हैं। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान पाक को सभी संबंधित साक्ष्य दिए जाएंगे। उससे कहा जाएगा कि वह इन मामलों के पीछे मौजूद लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दे। पड़ोसी देश से यह भी कहा जाएगा कि द्विपक्षीय संबंधों में जिन बातों से दरार आती है, उसे रोकने के लिए वह समुचित कदम उठाए। इस बीच, दक्षिण भारत से शुरू हुए ये एसएमएस शनिवार को राजधानी दिल्ली पहुंच गए। लेकिन पुलिस ने उत्तर पूर्व के लोगों को पूरी सुरक्षा देने का वादा किया है। दिल्ली पुलिस ने ऐसे सभी एसएमएस को केवल अफवाह बताया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त रॉबिन हीबू ने कहा, 'उत्तर पूर्व के लोगों के खिलाफ झूठे एसएमएस भेजे जा रहे हैं। खासकर जिनमें हमले की धमकी दी जा रही है। उधर, अफवाहों के चौथे दिन भी बेंगलुरु से पलायन जारी रहा। वहीं पिछले चार दिनों से दक्षिण भारतीय राज्यों में उत्तर पूर्व के लोगों के खिलाफ दहशत भरे एसएमएस भेजे जा रहे हैं।
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