अंजार (गुजरात)। शुक्रवार अलसुबह यहां तैनात पुलिसकर्मी ने एक विवाहिता का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया। पीडि़ता पति के साथ शामलाजी (उत्तर गुजरात) से अंजार बस स्टैंड पहुंची थी। आरोपी पुलिसकर्मी की पहचान नथुपुरी खेतपुरी गोसाई के रूप में हुई है। शनिवार को इसे दबोच लिया गया
पती तहसील के सतापर में रहता है। वह शामलाजी से शुक्रवार अलसुबह अंजार बस स्टैंड पहुंचा था। आरोपी ने बस स्टैंड से निकलते वक्त दंपती को जांच के बहाने रोका। सामान्य पूछताछ के बाद महिला के पति को थाने में ले जाकर लॉकअप में डाल दिया और बस स्टैंड लौट कर विवाहिता को अपनी निजी कार में ले गया। कुछ दूर जाकर बलात्कार किया। थाने लाकर पति के साथ भाग जाने को कहा। पीडि़ता ने मौजूद अन्य पुलिसकर्मी से आपबीती कही तो पुलिसकर्मियों ने मामले देखने की बात कह कर दोनों को रिक्शा में बिठा कर चलता कर दिया।
पीडि़त दंपती के कंपनी मालिक को आपबीती बताने पर मामले सामने आया है। ग्रामीणों का दबाव पडऩे पर पुलिस अंजार पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज की। शनिवार देरशाम उसे भचाऊ से दबोच लिया। कच्छ की अंजार डिवीजन के एएसपी वीरेन्द्र यादव ने पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
कलेक्टर ने लिया जायजा:
लिसकर्मी के महिला को उठा कर कार में बलात्कार किए जाने की घटना ध्यान में आने पर कच्छ कलेक्टर एम.थेन्नासरसन ने अंजार थाने पहुंच कर स्थिति का अवलोकन किया। साथ ही दिशा-निर्देश दिए। सामान्यत: बलात्कार पीडि़ता के अनुसूचित जाति या जनजाति के होने पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के रूप में कलेक्टर को घटनास्थल का मुआयना करना होता है। यह भी देखना होता कि जांच निष्पक्ष हो। पीडि़त पक्ष की सुरक्षा की निगरानी भी करनी होती है।
पीडि़त दंपती के कंपनी मालिक को आपबीती बताने पर मामले सामने आया है। ग्रामीणों का दबाव पडऩे पर पुलिस अंजार पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज की। शनिवार देरशाम उसे भचाऊ से दबोच लिया। कच्छ की अंजार डिवीजन के एएसपी वीरेन्द्र यादव ने पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
कलेक्टर ने लिया जायजा:
लिसकर्मी के महिला को उठा कर कार में बलात्कार किए जाने की घटना ध्यान में आने पर कच्छ कलेक्टर एम.थेन्नासरसन ने अंजार थाने पहुंच कर स्थिति का अवलोकन किया। साथ ही दिशा-निर्देश दिए। सामान्यत: बलात्कार पीडि़ता के अनुसूचित जाति या जनजाति के होने पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के रूप में कलेक्टर को घटनास्थल का मुआयना करना होता है। यह भी देखना होता कि जांच निष्पक्ष हो। पीडि़त पक्ष की सुरक्षा की निगरानी भी करनी होती है।
sabhar dainikbhaskar.com
No comments:
Post a Comment