लखनऊ, : उत्तर प्रदेश की राजनीति के सबसे शक्तिशाली यादव परिवार का एक और सदस्य अब सक्रिय राजनीति में दस्तक देने को तैयार है।समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव के भतीजे एवं पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव को आगामी लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी चल रही है।अक्षय यादव सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव परिवार के सातवें सदस्य होंगे जो चुनावी अखाड़े में उतरकर राजनीति में प्रवेश करेंगे।मैनपुरी से सांसद मुलायम के अलावा राज्यसभा सदस्य राम गोपाल यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उत्तर प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव, कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव और बदायूं से सांसद धर्मेद्र यादव सहित यादव परिवार के छह सदस्य पहले ही सक्रिय राजनीति में हैं।25 वर्ष के हो चुके अक्षय यादव ने हाल ही में कहा था, "मैंने फिराजाबाद के लोगों की सेवा करने के लिए 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस संसदीय सीट के लिए दावेदारी पेश की है। टिकट के लिए मैंने पार्टी की तरफ से उम्मीदवार तय करने के लिए नियुक्त की गईं पर्यवेक्षक जूही सिंह के समक्ष आवेदन किया है।"सपा ने सूबे के 59 लोकसभा क्षेत्रों में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने के लिए अलग-अलग पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे।चूड़ियों के निर्माण के लिए दुनियाभर में मशहूर फिरोजाबाद वर्षो से सपा और यादव परिवार की परम्परागत संसदीय सीट रही है। पिछले चुनाव मेंअखिलेश यादव ने यहां से चुनाव जीता था लेकिन कन्नौज से भी जीत दर्ज करने के कारण उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी। बाद में हुए उपचुनाव में सपा ने यहां से अखिलेश की पत्नी डिम्पल को राजनीति में उतारा था, लेकिन वह कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर से बड़े अंतर से हार गई थीं।सपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, "पार्टी नेतृत्व अब अपनी इस परम्परागत सीट पर फिर से कब्जा चाहता है। इसीलिए परिवार के ही सदस्य को यहां से उम्मीदवार बनाए जाने की तैयारी है।" अक्षय यादव ने पिछले लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से चुनाव लड़ने वाले अपने ताऊ मुलायम के चुनाव प्रचार का पूरा जिम्मा संभाला था।
गौरतलब है कि राजनीति में परिवाद को बढ़ावा देने को लेकर एक समय कांग्रेस की जमकर आलोचना करने वाले मुलायम सिंह खुद को समाजवाद के जनक डा. राम मनोहर लोहिया का झंडाबरदार बताते हैं, जो खुद राजनीति में परिवारवाद के कट्टर विरोधी थे।पिछले कुछ वर्षो में मुलायम पर सपा को घर की पार्टी बनाने का आरोप लगाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सहित अन्य दल उनकी आलोचना करते रहे हैं। कभी मुलायम के निकट सहयोगी रहे अमर सिंह तो पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद से लगातार मुलायम पर इसी मुद्दे को लेकर हमला करते रहे हैं।
अब अपने एक और भतीजे अक्षय यादव के राजनीति में प्रस्तावित प्रवेश को लेकर आने वाले दिनों में मुलायम को विपक्षी दलों के हमले सहने पड़ेंगे, इसमें दोराय नहीं।बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, "पहले से ही मुलायम सिंह यादव के परिवार के लगभग सारे लोग राजनीति में हैं। जो कुछ लोग बचे हैं वह भी अगले लोकसभा चुनाव में राजनीति में आ जाएंगे।
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