मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद के सदस्य पीवी राजगोपाल ने आज यहां नगरपालिका सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जन सत्याग्रह 2012 समग्र भूमि सुधार कानून लागू कराने के लिए निर्णायक लड़ाई जारी है। समग्र भूमि सुधार कानून लागू करने की मांग लेकर इस साल गांधी जयंती के दिन ग्वालियर से एक लाख सत्याग्रही दिल्ली के लिए कूच करेंगे। केन्द्र सरकार ने पांच साल पहले जनादेश 2007 के समय वायदा किया था उसे नहीं निभाया गया। यह अहिंसात्मक लड़ाई है।
राजगोपाल ने पत्रकारों से कहा कि जन सत्याग्रह आंदोलन के प्रथम चरण के 2 अक्टूबर 2011 के कन्याकुमारी से जन संवाद यात्रा आरंभ हुई और भारत के 23 राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, कनार्टक, गोवा, महाराष्ट्र आदि राज्यों का सफर तय करते हुए उत्तर प्रदेश में पहुंची। उन्होेंने बताया कि पूरी दुिनया में जीवन जीने के संसाधनों को लेकर संघर्ष है। भरत में यह समस्या काफी जटिल है। छह दशकबाद भी भूमि सुधार का काम पूरा नहीं हुआ है। अब तो यह पंचर्षीय योजना से गायब हो चुका है। देष में असमान वितरण के कारण देश के काफी लोग अरबपति हैं जबकि अन्य गरीब किसान बदहाली की जीवन जी रहे हैं। राजगोपाल ने कहा कि वैश्वीकरण, उद्वारीकरण के फलस्वरूप कृषि नीति में बदलाव आया है। किसान गंभीर संकटों व चुनौतियों का सामना कर रहर है। पत्रकार वार्ता में मास्टर विजय सिंह, रविन्द्र चौधरी, लोकेश भारद्वाज आदि मौजूद रहे।
राजगोपाल ने पत्रकारों से कहा कि जन सत्याग्रह आंदोलन के प्रथम चरण के 2 अक्टूबर 2011 के कन्याकुमारी से जन संवाद यात्रा आरंभ हुई और भारत के 23 राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, कनार्टक, गोवा, महाराष्ट्र आदि राज्यों का सफर तय करते हुए उत्तर प्रदेश में पहुंची। उन्होेंने बताया कि पूरी दुिनया में जीवन जीने के संसाधनों को लेकर संघर्ष है। भरत में यह समस्या काफी जटिल है। छह दशकबाद भी भूमि सुधार का काम पूरा नहीं हुआ है। अब तो यह पंचर्षीय योजना से गायब हो चुका है। देष में असमान वितरण के कारण देश के काफी लोग अरबपति हैं जबकि अन्य गरीब किसान बदहाली की जीवन जी रहे हैं। राजगोपाल ने कहा कि वैश्वीकरण, उद्वारीकरण के फलस्वरूप कृषि नीति में बदलाव आया है। किसान गंभीर संकटों व चुनौतियों का सामना कर रहर है। पत्रकार वार्ता में मास्टर विजय सिंह, रविन्द्र चौधरी, लोकेश भारद्वाज आदि मौजूद रहे।
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