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Sunday, August 19, 2012

426 दिनों में किया 84 लाख का नाश्ता

नई दिल्ली | योजना आयोग जहां गांव में रहने वालों के लिए 22 रुपया जीवन यापन के लिए पर्याप्त मानता है वहीं वह अपने यहां नाश्ते पर जितना खर्च करता है वह औसतन प्रति कर्मचारी प्रतिदिन करीब 17 रुपए है। सूचना के अधिकार के तहत हाल में मिली जानकारी के अनुसार, योजना आयोग ने 426 दिनों में सिर्फ जलपान पर 84,18,573 रुपए खर्च कर दिया। संसद में 25 अगस्त 2011 को पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या 2533 के मुताबिक, आयोग में कर्मचारियों की कुल संख्या 1160 थी। इस तरह से प्रति कर्मचारी प्रतिदिन खर्च औसतन 17.04 रुपए आता है। इससे पहले भी आयोग का अपने मुख्यालय में दो शौचालयों की मरम्मत पर 35 लाख रुपये खर्च किये जाने का मामला खासा चर्चा में रहा और उसे आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। दूसरी ओर 22 रुपए प्रतिदिन जीवन यापन खर्च के आंकड़े पर हंगामा होने पर सरकार ने इसकी समीक्षा करने की बात कही है। जिस तरह से जीवन यापन के दौरान प्रत्येक व्यक्ति खर्च में मेहमान नवाजी का खर्च भी आता है, उसी प्रकार से योजना आयोग ने यह राशि केवल अपने कर्मचारियों को नाश्ता कराने पर खर्च नहीं किया बल्कि इसमें देश की योजनाओं एवं नीति निर्धारण की प्रक्रिया में उच्च स्तरीय मंत्रणाओं का संचालन भी इसमें शामिल है। इसमें प्रधानमंत्री के साथ देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की भागीदारी होती है। बहरहाल, आयोग से यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत हिसार स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा के सवाल के जवाब में आई है। वर्मा ने योजना आयोग एवं अन्य मंत्रालयों से पूछा था कि एक अप्रैल 2011 से 30 मई 2012 के दौरान बैठकों में चाय, स्नैक्स, बोतलबंद पानी एवं अन्य खाद्य पदार्थ पर कितना खर्च आया। जलपान पर गृह मंत्रालय ने योजना आयोग से भी अधिक खर्च किया है। गृह मंत्रालय ने 14 महीने में 426 दिनों में बैठकों के दौरान चाय नाश्ते पर 88 लाख 83 हजार 172 रूपए खर्च किया। राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठकों में चाय नाश्ते पर 13,32,895 रुपए खर्च हुए जबकि योजना आयोग की पूर्ण बैठक में चाय नाश्ते पर करीब एक लाख (1,01,583) रुपए खर्च हुए। इसके अलावा विभिन्न कक्षों में हुई 2000 बैठकों में 69,84,095 रुपए खर्च हुए। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबित, एक अप्रैल 2011 से 30 मई 2012 के बीच रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अवधि में मंत्रालय की बैठकों में चाय नाश्ते पर 79 लाख 79 हजार 66 रुपए खर्च किए गए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रालय की बैठकों में 14 महीने में चाय नाश्ते पर 37,97,135 रुपए खर्च किए गए। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने करीब एक वर्ष की अवधि में चाय नाश्ते पर 23 लाख 9 हजार 295 रुपए खर्च किया। जबकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि इस अवधि में आयोजित बैठकों में चाय नाश्ते पर 33 लाख 18 हजार 502 रुपए खर्च हुए। जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अपनी बैठकों के दौरान चाय नाश्ते और बोतलबंद पानी पर 3,91,239 रुपए खर्च किए।
sabhar pradeshtoday

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