सचिन धीमान
मेरठ (अलर्ट न्यूज)।मांठ के विधायक श्याम सुंदर सिंह ने कहा कि वीएम सिंह
को एक बार नहीं लाख बार सलाम। और इसलिए सलाम कि वह सच्चे किसानों के हितौषी
है। उन्होंने कहा कि नेता एक दिन किसानों के लिए पसीना बहता है। और वीएम
सिंह नेता नही है और इसीलिए वह किसानों के लिए नित्य प्रति पसीना बहाते हो
इसलिए मैंने उन्हें सलामी दी। उन्होंने कहा कि ये बात सच है कि मैं सात बार
एमएलए बना हूं और इससे पहले मेरे बाप दादा एमएलए ही हुआ करते थे। उन्होंने
कहा कि मैंने नेता तो बहुत देखे लेकिन वीएम भाई तुमसा मैंने नहीं देखा। आज
वहीं देखने को मैं आया था ओर मैं वो यकीन ओर विश्वास भी देने आया हूं कि
ये सार्वजनिक सभा में जो विचार तुम्हारें होंगे और लेखनी तुम्हारी होगी और
बाणी मेरी होगी विधानसभा के अंदर। ये डंके की चोट पर ऐलान करता हूं।
उन्होंने कहा कि मैं प्रभावित क्यों हूं।
शहीद भगत सिंह का नाम तो तुम ले रहे हो लेकिन शहीद भगत सिंह का जीवन दिन कौन सा है क्या तुम बता सकते है नहीं बता सकते हो।
यदि देश का नाश किसी ने किया है वह बिरादरी ने किया हैं और वह बिरादरी कौन सी है वह है नेताओं की बिरादरी। ये कोई नेता तुमसे नहीं कहेगा।
आज किसानों तुमसे कहते है कि राजनीति की बात मत करो। कौन कहता है ये बात जिस दिन तुम किसान संगठित हो जायेगा। उस दिन देखना तूम। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें संगठित करने नहीं आया हूं मैं वीएम सिंह के साथ एक वकालतनामा लगाने आया हू। यदि शहीद भगत सिह को पता होता कि भारत के लोग बिरादरी बाद में बंटेंगे, क्षेत्रवाद में बटेंगे तो भगत सिंह फंासी का फंदा कभी नहीं चूभता।
मेरठ (अलर्ट न्यूज)।मांठ के विधायक श्याम सुंदर सिंह ने कहा कि वीएम सिंह
को एक बार नहीं लाख बार सलाम। और इसलिए सलाम कि वह सच्चे किसानों के हितौषी
है। उन्होंने कहा कि नेता एक दिन किसानों के लिए पसीना बहता है। और वीएम
सिंह नेता नही है और इसीलिए वह किसानों के लिए नित्य प्रति पसीना बहाते हो
इसलिए मैंने उन्हें सलामी दी। उन्होंने कहा कि ये बात सच है कि मैं सात बार
एमएलए बना हूं और इससे पहले मेरे बाप दादा एमएलए ही हुआ करते थे। उन्होंने
कहा कि मैंने नेता तो बहुत देखे लेकिन वीएम भाई तुमसा मैंने नहीं देखा। आज
वहीं देखने को मैं आया था ओर मैं वो यकीन ओर विश्वास भी देने आया हूं कि
ये सार्वजनिक सभा में जो विचार तुम्हारें होंगे और लेखनी तुम्हारी होगी और
बाणी मेरी होगी विधानसभा के अंदर। ये डंके की चोट पर ऐलान करता हूं।
उन्होंने कहा कि मैं प्रभावित क्यों हूं। शहीद भगत सिंह का नाम तो तुम ले रहे हो लेकिन शहीद भगत सिंह का जीवन दिन कौन सा है क्या तुम बता सकते है नहीं बता सकते हो।
यदि देश का नाश किसी ने किया है वह बिरादरी ने किया हैं और वह बिरादरी कौन सी है वह है नेताओं की बिरादरी। ये कोई नेता तुमसे नहीं कहेगा।
आज किसानों तुमसे कहते है कि राजनीति की बात मत करो। कौन कहता है ये बात जिस दिन तुम किसान संगठित हो जायेगा। उस दिन देखना तूम। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें संगठित करने नहीं आया हूं मैं वीएम सिंह के साथ एक वकालतनामा लगाने आया हू। यदि शहीद भगत सिह को पता होता कि भारत के लोग बिरादरी बाद में बंटेंगे, क्षेत्रवाद में बटेंगे तो भगत सिंह फंासी का फंदा कभी नहीं चूभता।
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