सचिन धीमान
मेरठ (अलर्ट न्यूज)। किसानों के हकों के लिए लडने वाले तथा उनकी फसलों का वाजिब मूल्य दिलाये जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट तक लडाई लडने वाले राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह के नवीन मंडल स्थल पर पहुंचे पर सरदार वीएम सिंह जिंदा बाद तथा किसान नेता कैसा हो सरदार वीएम सिंह, वीएम सिंह जैसा हो के नारों से गूंज उठा। हजारों समर्थक व किसान उन्हें अपने साथ मंच तक लेकर आये। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मंडल संयोजक विकास बालियान भी थे। मंच पर पहुंचने पर किसानों ने उनका मालाएं पहनाकर भव्य स्वागत किया। इस बीच लोग सरदार वीएम सिंह की टोपी ओडे हुए थे।
इस दौरान राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मंडल संयोजक विकास बालियान के मंच पर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया और उन्हें शॉल उडाकर सम्मानित किया गया। विकास बालियान ने अपने भाषण पर जमकर तालिया बटौरी और समाज को आईना दिखाते हुए कहा कि माठ विधायक सात बार निर्दलीय चुनाव जीते हो परन्तु किसानों की आवाज उठाने के चलते वीएम सिंह कई चुनाव हारे। 1993 में विधायक बने वीएम सिंह ने जैसे ही किसानों के लिए अदालत में लडना शुरू किया वैसे ही चीनी मिल मालिक, सरमायेदार, प्रदेश व केन्द्र सरकार के साथ किसान राजनीतिक दल व किसान संगठन उन्हें हराने के लिए एक होकर अपने प्रयासों में सफल होते रहे। यह किसानों की आवाज उठाने का नतीजा है फिर भी किसान एक नहीं होता।
मेरठ (अलर्ट न्यूज)। किसानों के हकों के लिए लडने वाले तथा उनकी फसलों का वाजिब मूल्य दिलाये जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट तक लडाई लडने वाले राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह के नवीन मंडल स्थल पर पहुंचे पर सरदार वीएम सिंह जिंदा बाद तथा किसान नेता कैसा हो सरदार वीएम सिंह, वीएम सिंह जैसा हो के नारों से गूंज उठा। हजारों समर्थक व किसान उन्हें अपने साथ मंच तक लेकर आये। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मंडल संयोजक विकास बालियान भी थे। मंच पर पहुंचने पर किसानों ने उनका मालाएं पहनाकर भव्य स्वागत किया। इस बीच लोग सरदार वीएम सिंह की टोपी ओडे हुए थे।
इस दौरान राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मंडल संयोजक विकास बालियान के मंच पर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया और उन्हें शॉल उडाकर सम्मानित किया गया। विकास बालियान ने अपने भाषण पर जमकर तालिया बटौरी और समाज को आईना दिखाते हुए कहा कि माठ विधायक सात बार निर्दलीय चुनाव जीते हो परन्तु किसानों की आवाज उठाने के चलते वीएम सिंह कई चुनाव हारे। 1993 में विधायक बने वीएम सिंह ने जैसे ही किसानों के लिए अदालत में लडना शुरू किया वैसे ही चीनी मिल मालिक, सरमायेदार, प्रदेश व केन्द्र सरकार के साथ किसान राजनीतिक दल व किसान संगठन उन्हें हराने के लिए एक होकर अपने प्रयासों में सफल होते रहे। यह किसानों की आवाज उठाने का नतीजा है फिर भी किसान एक नहीं होता।

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