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Wednesday, September 26, 2012

सहारनपुर रेलवे स्टेशन के निकट पुलिस कस्टडी में कैदी सहित एक व्यक्ति को गोलयों से भूनकर उतारा मौत के घाट, महिला घायल

घटना को अंजाम देकर बदमाश फरार, ताबडतोड गोलियों में



सहारनपुर (अलर्ट न्यूज)। बरेली सेन्टर जेल से यहां एक मुकदमें में पेशी पर लाये एक सजा आफता कैदी को रेलवे स्टेशन के निकट बदमाशों ने सरेआम ताबडतोड फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। रेलवे स्टेशन पर चली ताबडतोड गोलियो से अफरा तफरी मच गयी। बदमाशों की फायरिंग के दौरान वहां से गुजर रहा एक व्यक्ति भी गोली लगने से मारा गया। जबकि एक महिला गम्भीर रूप से घायल हो गयी। कैदी को लेकर आये पुलिस कर्मियों ने फायर किये। बदमाश कार में सवार हो भीड़भाड़ वाले क्षेत्र से फरार हो गये। बुधवार की सुबह करीब साढे सात बजे हुई। सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहंुचे। हत्यारों का कोई सुराग नहीं लग पाया। एसएसपी दुर्गा चरण मिश्र ने बताया कि बदमाशों की गोली से मारा गया शातिर बदमाश था, जिसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और यह एक बड़े गैंग का सक्रिय सदस्य था। कुछ दिन पहले मनोज ने अपने शूटरों से देवबन्द क्षेत्र में एक हत्या भी कराई थी। उक्त हत्या काण्ड में दीपा आदि के पिछले दिनों गिरफ्तार होने पर इस बात का खुलासा हुआ था।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के सहारनपुर रेलवे स्टेशन के निकट उस समय अफरा तफरी मच गयी जब  जनपद के ही थाना देवबन्द क्षेत्र के ग्राम लालवाला निवासी मृतक मनोज उर्फ कुलदीप उर्फ मोनू पुत्र राजपाल हत्या के एक मुकदमें में दोषी पाये जाने पर इन दिनों बरेली सेन्टर जेल में सजा काट रहा था। बरेली एपी पुलिस के सिपाही देवानन्द, संतलाल व शिव शंकर लखनऊ-चण्डीगढ एक्सप्रेस से मनोज को लेकर यहां सीजेएम द्वितीय की कोर्ट में पेशी पर लेकर आये थे। पुलिस कर्मियों के मुताबिक जैसे ही वह स्टेशन से निकल कर कुलईयों के मंदिर के निकट पहुचे तो लाल रंग की मारूति कार से उतरे तीन-चार बदमाशों ने पुलिस अभिरक्षा में हथकड़ी लगे मनोज पर ताबड़तोड़ फायर किये। बदमाशों की फायरिंग के दौरान वहां से गुजर रहे देवबन्द थाने के गांव शाहपुर निवासी 55 वर्षीय प्रकाश सैनी पुत्र नत्थू सिंह व बिजनौर की एक महिला सायदा पत्नी गफ्फार भी घायल हो गये। भीड़भाड़ वाला क्षेत्र होने के कारण सिपाही संतलाल ने बदमाशों पर सीधा फायर न कर हवाई फायर किये। उधर इस सनसनी खेज वारदात के कारण वहां पहले ही भगदड़ मच चुकी थी। इसी के साथ सभी बदमाश पुनः कार में सवार हो माल गोदाम गुरूद्वारा रोड़ की ओर भाग निकले। हैरत की बात यह है कि तीनों घायल लहूलुहान हालत में मौके पर पड़े हुए थे। कोई भी सहायता को आगे नहीं आया। यहां तक की रिक्शा वाले तक घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए तैयार न हुए। जबकि निकट ही अग्रसैन चौक पर कोतवाली सदर बाजार के पिकैट पर भी कोई पुलिस कर्मी नहीं था। तीनों सिपाही मनोज को लेकर जैस-तैसे जिला अस्पताल पहंुचे। मनोज के पेट में गोली लगी थी। अस्पताल पहंुचने से पहले वह दम तोड़ चुका था। कुछ ही देर बाद सायदा का पुत्र तारिक, सायदा व दूसरे घायल प्रकाश सैनी को लोगों की मदद से लेकर अस्पताल पहंुचा। भर्ती होने के कुछ देर बाद प्रकाश सैनी ने दम तोड़ दिया जबकि महिला को हायर सेन्टर भेज दिया गया। घटना की सूचना मिलने पर एसएसपी दुर्गा चरण मिश्र, एसपी सिटी अजय शंकर राय, सीओ संजय राय, कुतुबशेर थानाध्यक्ष प्रेमवीर सिंह राणा, जनकपुरी थानाध्यक्ष बीएस भडाना, कोतवाली सदर बाजार प्रभारी नरेन्द्र शर्मा फोर्स के साथ अस्पताल पहंुचे और पूरे घटनाक्रम की सिपाहियों से जानकारी ली। जिले भर में हत्यारों बदमाशों की धरपकड़ के लिए नाकाबन्दी कराई गयी लेकिन शाम तक उनका कोई सुराग नहीं लग पाया था। घटना को लेकर सिपाही संतलाल ने कोतवाली सदर बाजार में मुकदमा दर्ज कराया है। कुछ देर बाद सायदा व प्रकाश सैनी के अन्य परिजन भी पहंुच गये थे। प्रकाश सैनी के भाई रमेश ने बताया  िकवह तीन दिन से अपनी पुत्री रेखा के यहां गांव उनाली आया हुआ था। इसी तरह सायदा भी गांव माहीपुरा में अपने पुत्रों के पास आई हुई थी जिसे उसका पुत्र बिजनौर जाने के लिए स्टेशन छोड़ने जा रहा था।
पुलिस व्यवस्था किस कदर चरमरा गयी है बुधवार को हुई गोलीबारी की हुई सनसनी खेज वारदात इसको खुला बयां कर रही है। कैदी समेत गोली लगने से तीन घायल सड़क पर पड़े हुए थे, जिन्हें अस्पताल ले जाने के लिए बरेली से आये सिपाही सहायता मांग रहे थे लेकिन उन्हें किसी की भी सहायता नहीं मिल पाई जबकि मात्र 40 मीटर की दूरी पर जीआरपी थाना है। घटना स्थल से इतनी ही दूरी पर कोतवाली सदर बाजार की पुलिस चौकी कैम्प है लेकिन कहीं से कोई पुलिस कर्मी मौके पर नहीं पहंुचा। आखिरकार घायल मनोज को रिक्शा में डालकर बरेली के तीनो ंसिपाही ही अस्पताल ले गये। अन्य घायल भी इसी तरह अस्पताल पहंुचाये गये यानि इतनी बड़ी वारदात हो जाने पर पुलिस का एक वाहन तक मौके पर नहीं पहंुचा। हैरत की बात तो यह है कि घंटाघर चौक पर चौबीस घंटे व्रजवाहन व पुलिस मौजूद रहती है।

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