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Friday, September 28, 2012

पेड़ पर नहीं उगते मतदाता के वोट: बीजेपी

बीजेपी ने यूपीए सरकार को आगाह किया कि वह इस बात को समझे कि मतदाता के वोट पेड़ पर नहीं उगते औरएफडीआईतथा डीजल दाम वृद्धि करने के निर्णय समेत सभी जनविरोधी निर्णयों को वापस ले.पार्टी ने बीजेपी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित आर्थिक प्रस्ताव में केंद्र सरकार से एलपीजी सिलेंडरों की संख्या निर्धारित करने के निर्णय को वापस लेने, उर्वरकों के मूल्यों को कम करने के लिए तुरंत कारगर कदम उठाने, 2004 में आवंटित कोयला ब्लाकों को रद्द कर पारदर्शी तरीके से नीलामी प्रक्रिया शुरू करने और कोयला घोटाले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच करने की भी मांग की है.आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया है कि देश में पिछले चार महीने के दौरान जो घटनाक्रम हुआ उसने बीजेपी के दृष्टिकोण को सही ठहराया है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस ने सदा ही शासन किया है और जब भी वह सत्ता में रही है उसने अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया है.पार्टी ने देश के समक्ष महंगाई जैसी समस्याओं के लिए भ्रष्टाचार को मूल कारण बताया.इस प्रस्ताव को पेश करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा था कि ‘पैसे पेड़ पर नहीं उगते’ लेकिन आने वाले चुनावों में जनता उन्हें बता देगी कि मतदाता का वोट भी पेड़ पर नहीं उगता.उन्होंने कहा कि 2004 में संप्रग की सरकार आने के बाद देश में आर्थिक विकास की प्रक्रिया अचानक से रूक गयी और उसके पीछे संप्रग का वह ढांचा जिम्मेदार है जिसमें सरकार कोई और चलाता है और निर्णय कोई और लेता है.उन्होंने राजग सरकार का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी कठिन निर्णय लेने पडते थे लेकिन राजग सरकार ने फैसलों को लेकर अपनी विश्वसनीयता, नेतृत्व क्षमता साबित की थी.जेटली ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देश में ही नहीं विदेशी मीडिया में भी देश की स्थिति पर तीखी टिप्पणी की गयी. उन्होंने कहा कि भाजपा सुधारों के पक्ष में है लेकिन वे सुधार आम आदमी के हित में होने चाहिए और हर बदलाव सुधार नहीं होता. बीजेपी नेता ने कहा कि भारत में 51 प्रतिशत लोग स्वरोजगार करते हैं इनमें सर्वाधिक कृषि पर और दूसरे स्थान पर खुदरा व्यापार से जुडे हैं. खुदरा में एफडीआई आने से इस क्षेत्र में रोजगार पाने वाले लोग और उनके परिजन समेत करोड़ों लोग प्रभावित होंगे.उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खुदरा क्षेत्र पहले तो सस्ता सामान बेचकर प्रतिस्पर्धा समाप्त करता है और उसके बाद सामान को महंगा कर दिया जाता है.जेटली ने कहा कि अभी केंद्र सरकार कह रही है कि राज्यों पर निर्भर करेगा कि वे अपने यहां मल्टीब्रांड स्टोर को आने देना चाहते हैं या नहीं. लेकिन भारत की कई देशों से ऐसी द्विपक्षीय संधि है कि वालमार्ट जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को एक ‘राष्ट्रीय दर्जा’ मिलेगा जिसके चलते राज्य उन्हें अपने यहां आने से इनकार नहीं कर सकेंगे.आर्थिक प्रस्ताव के पाठ के अनुसार गत छह महीनों में देश की विकास दर कम होकर औसतन 5.4 प्रतिशत रह गयी है और इस वर्ष में विकास की अनुमानित दर लगभग 5 प्रतिशत रहने की संभावना है. यह बहुत कम है और इसे आसानी से 10 प्रतिशत से अधिक किया जा सकता है.बीजेपी ने कहा कि रुपये का अवमूल्यन हुआ है और सरकार का विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम हो गया है. गत चार साल से सकल घरेलू उत्पाद का लगभग छह प्रतिशत राजकोषीय घाटे का अर्थ है कि सरकार बाजार से बहुत उधार ले रही है.इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गयी है कि जिसमें अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी भारत को नीचा दिखाने की धमकी दे रहीं हैं. ऐसी भयावह स्थिति के लिए आज की संप्रग सरकार जिम्मेदार है. 
sabhar newsview.com

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