New Delhi. डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी को जनता के साथ ‘भारी धोखा’ करार देते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज सरकार के इस फैसले के बहाने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधने का प्रयास किया और आरोप लगाया कि तृणमूल का यह कहना पाखंड है कि उससे विचार विमर्श नहीं किया गया। पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस आलोचना से बचने के लिए कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति (सीसीपीए) की बैठक में अपने मंत्री मुकुल राय की अनुपस्थिति का बहाना बना रही हैं। इसी बैठक में डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का फैसला किया गया। करात ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस केन्द्र की संप्रग सरकार का हिस्सा है। इस बढ़ोत्तरी के लिए वह भी पूरी तरह जिम्मेदार है। उसे बताना होगा कि मुकुल राय सीसीपीए की बैठक से क्यों अनुपस्थित रहे। राय सीसीपीए के सदस्य हैं। वह इसे सुविधा की झाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। करात ने कहा, ‘‘यह पाखंड और दोहरा मानदंड है। माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि सरकार ने जनता के साथ भारी धोखा किया है और डीजल की कीमतों में इस बढ़ोत्तरी का असर दूसरी चीजों पर पड़ेगा और महंगाई से पहले से ही जूझ रही जनता पर और बोझ पड़ेगा।
माकपा ने कहा कि डीजल का दाम बढ़ने से कृषि क्षेत्र और किसानों को खासतौर पर नुकसान होगा, जबकि रसोई गैस के सिलिंडरों की आपूर्ति को सीमित करने से करोड़ों परिवारों के जीवन पर असर पड़ेगा। करात ने कहा कि वामदल इस बढ़ोत्तरी के खिलाफ देशव्यापी विरोध करेंगे और डीजल की कीमतों और सब्सिडी वाले रसोई गैस की सीमित आपूर्ति के फैसले को वापस लेने की मांग करेंगे। केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के चलते सरकार करोड़ों रुपये का नुकसान सहती है लेकिन जब जनता को राहत देने की बात आती है तो उसे खजाने का ख्याल आ जाता है।
गौरतलब है कि सरकार ने गुरुवार मध्यरात्रि से डीजल के दाम में पांच रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी करने का निर्णय किया। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक में घरेलू इस्तेमाल के लिए साल में सब्सिडी वाले रसोई गैस के मात्र छह सिलेंडर दिये जाने का भी निर्णय किया गया।
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