लखनऊ. सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का कोटा तय किए जाने के फैसले और महंगाई से आम आदमी भले ही परेशान है, लेकिन जो खास हैं उन्हें केंद्र के नए फरमान से कोई परेशानी नहीं है। आम जनता को साल भर में केवलछह सिलेंडर ही सस्ते दाम पर मिलेंगे लेकिन यूपी के नेता और आला अफसर ऐसे सिलेंडरों पर धड़ल्ले से मौज कर रहे हैं। उनके स्टोर में हर महीने सैकड़ों एलपीजी सिलेंडर खप रहे हैं।
गैस एजेंसियों के ट्रांसपेरेंसी पोर्टल के जरिए यह हकीकत सामने आई है। इंडेन गैस के पोर्टल से पता चला कि कई सरकारी विभागों के मुखिया के नाम पर 14 से 20 गैस कनेक्शन दर्ज हैं। ऊपर से इन पर सरकार लाखों रुपए की सब्सिडी भी दे रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की बात की जाए तो यहां बनने वाली चाय पर पिछले चार महीने में 34 सिलेंडर यानी हर महीने करीब 8 सिलेंडर खर्च हो गए। वहीं सचिवालय में चार महीने में 24 और विधान सभा में 75 सिलेंडरों की खपत हुई। यूपी के मुख्य सचिव के कैंप कार्यालय में पिछले चार महीनों में 77 सिलेंडर खर्च हुए। राज्यपाल के नाम पर एक अप्रैल से 24 अगस्त के बीच 24 सिलेंडर इश्यू किए गए, जबकि गवर्नर के सचिव के नाम पर इन्हीं चार महीनों के दौरान 30 सिलेंडर जारी किए गए।
गैस एजेंसियों के ट्रांसपेरेंसी पोर्टल के जरिए यह हकीकत सामने आई है। इंडेन गैस के पोर्टल से पता चला कि कई सरकारी विभागों के मुखिया के नाम पर 14 से 20 गैस कनेक्शन दर्ज हैं। ऊपर से इन पर सरकार लाखों रुपए की सब्सिडी भी दे रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की बात की जाए तो यहां बनने वाली चाय पर पिछले चार महीने में 34 सिलेंडर यानी हर महीने करीब 8 सिलेंडर खर्च हो गए। वहीं सचिवालय में चार महीने में 24 और विधान सभा में 75 सिलेंडरों की खपत हुई। यूपी के मुख्य सचिव के कैंप कार्यालय में पिछले चार महीनों में 77 सिलेंडर खर्च हुए। राज्यपाल के नाम पर एक अप्रैल से 24 अगस्त के बीच 24 सिलेंडर इश्यू किए गए, जबकि गवर्नर के सचिव के नाम पर इन्हीं चार महीनों के दौरान 30 सिलेंडर जारी किए गए।
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