मुंबई में ताज होटल में हुए आतंकी हमले में फांसी की सजा पा चुके
पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर
कर दी है. कसाब ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका ऑर्थर रोड जेल के
सुपरिंटेंडेंट के जरिए भेजी है. गौरतलब है कि मुंबई हमले में 166 लोग मारे
गए थे.
याद रहे कि मुंबई की एक विशेष अदालत ने 2010 में कसाब को फासी की सजा
सुनाई थी, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था. हाल ही में सुप्रीम
कोर्ट ने भी 29 अगस्त 2012 को अज़मल कसाब की फासी की सजा बरकरार रखी थी तथा
कसाब की सारी दलीलें खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसका
जुर्म माफी के कतई लायक नहीं है.
अब देखना है कि कसाब की दया याचिका पर राष्ट्रपति कब और क्या फैसला लेते
हैं. मौत की सजा पाने वाले आरोपियों की दया याचिका सूची में उसका नंबर
तेहरवां है.
लंबी प्रक्रिया के साथ ही कसाब की दया याचिका पर फैसला पुरानी दया
याचिकाओं को निपटाने के बाद ही लिया जा सकेगा. हालत यह है कि इस समय
राष्ट्रपति के पास एक दर्जन दया याचिकाएं लंबित हैं. इनमें छठे नंबर पर मो.
अफजल की याचिका है. जबकि 2001 में संसद में हमले के दोषी अफजल की फांसी की
सजा पर सुप्रीम कोर्ट 2005 में ही अपनी मुहर लगा चुका है. ऐसे में कसाब की
फांसी के लिए सालों इंतजार करना पड़ सकता है.
लंबित दया याचिकाएं:
1. गुरमीत सिंह, 2. धरम पाल, 3. सुरेश और रामजी- (यूपी), 4. सिमोन,
ज्ञानप्रकाश मदायाह और बिलावेंदर (कर्नाटक), 5. प्रवीण कुमार (कर्नाटक), 6.
मो. अफजल (दिल्ली), 7. सायबन्ना (कर्नाटक), 8. जफर अली (यूपी), 9. सोनिया
और संजीव (हरियाणा), 10. सुंदर सिंह (उत्तराखंड), 11. अतबीर (दिल्ली), 12.
बलवंत सिंह राजोआना (चंडीगढ़)
[ये आंकड़े 23 जुलाई 2012 तक के हैं.]
गौरतलब है कि पिछले दिनों गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि
कसाब दया याचिका दायर करता है तो उसे कम से कम समय में निपटाया जाएगा.
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