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Monday, February 11, 2013

बीटीसी अभ्यर्थियों ने दिया ज्ञापन

मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)।  बीटीसी 2010 के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री व मुख्यमत्रंाी को प्रेषित ज्ञापन डीएम सुरेन्द्र सिंह को दिया। बीटीसी प्रशिक्षण 2010 बैच अगस्त 2010 में पूरे उत्तर प्रदेश में एक साथ हुआ था। यह दो वर्षीय प्रशिक्षण आवासीय था तथा इसमें नियमानुसार सभी प्रशिक्षणार्थियों के मूल दस्जावेत सत्यापन हेतु जमा कर लिये गये थे जो प्रशिक्षण अवधि पूर्ण होने तक जमा रहे। यह दो वर्षीय प्रशिक्षण 18 दिसम्बर 2012 से चार माह 16 दिन अधिक में पूरा हुआ। अट्ठारह प्रशिक्षार्थियों ने अपने अंक पत्र व प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिये हैं। इसी समयावधि के दौरान वर्ष 2011 में राज्य सरकार द्वारा अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित की गयी। अधिकांश प्रशिक्षार्थियों ने इसे उत्तीर्ण किया। शेष अभ्यर्थियों के लिए राज्य सरकार ने अवसर नहीं छोडा क्योंकि वर्ष 2012 में राज्य सरकार एक भी बार पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं कर पायी जबकि वर्ष में दो बार अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी। अनेक अभ्यर्थियों को वर्ष 2012 में अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित होने की उम्मीद थी तथा वे इसके लिए पूर्णरूप से तैयार थे। फिर भी कुछ प्रशिक्षार्थियों ने केंद्र सरकार द्वारा दिसम्बर 2012 में आयोजित केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। सहायक अध्यापक बनने के लिए आवश्यक दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण तथा राज्य या केंद्र सरकार द्वारा आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण लगभग दस हजार प्रशिक्षित अध्यापक नियुक्ति के पात्र हैं तथा राज्य सरकार के अधीन परिषदीय विद्यालयों में दो लाख से भी अधिक अध्यापकों की आवश्यकता है। राज्य सरकार एक तरफ तो कह रही है कि बेसिक स्कूलों के लिए पात्र अध्यापकों की कमी है तथा इसे दूर करने के लिए बीएड डिग्रीधारकों की भर्ती की जायेगी लेकिन दूसरी ओर पात्र प्रशिक्षित दस हजार बीटीसी व अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण को नियुक्ति देने में विलम्ब कर रही हैं जो वास्तव में तत्काल राज्य सरकार के अधीन सेवा पाने के पात्र हैं। उच्च न्यायालय इलाहाबाद भी अपना निर्णय इस मामले में दे चुका है जिसमें कहा गया है कि बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देते हुए सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए उसके बाद अन्य विशिष्ट बीटीसी के वैकल्पिक रास्तों पर विचार करना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में अजय कुमार, सविता रानी, संदीप कुमार, मांगेराम, अरविंद मलिक आदि मौजूद रहे।

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