Pages

Friday, September 7, 2012

पाक यात्रा पर विदेश मंत्री लेकिन पत्रकार का वीजा बिना कारण बताये रद्द

नई दिल्ली. भारत के विदेश मंत्री एस एम कृष्णा पाकिस्तान के दौरे पर हैं। पाकिस्तान के साथ नए वीजा नियमों पर करार करना कृष्णा की यात्रा के मुख्य  एजेंडों में शुमार हैं। इस यात्रा पर कई भारतीय पत्रकार भी उनके साथ गये हैं। लेकिन पाकिस्तान ने 'द हिंदू' के पत्रकार प्रवीण स्वामी का वीजा रद्द कर दिया है। 
स्वामी का वीजा रद्द होना दोनों देशों के बीच बढ़ रहे अविश्वास का ठोस उदाहरण है। हैरत की बात यह है कि इस यात्रा के लिए स्वामी को पाकिस्तान ने पहले वीजा दे दिया था जिसे बाद में बिना कोई कारण बताये रद्द कर दिया गया। राजनीतिक यात्राओं के लिए आमतौर पर संबंधित मंत्रालय समाचार संस्थानों को पत्र लिखती हैं और फिर संस्थान अपने पत्रकारों का नामित करती हैं। इसके बाद दस्तावेज भेजे जाते हैं और मेजबान देश पत्रकारों को व्यक्तिगत वीजा जारी करता है। 
वीजा के लिए स्वामी ने दस्तावेज भेजे थे और उन्हें पाकिस्तानी हाई कमीशन भी बुलाया गया था। स्वामी के मुताबिक मुलाकात काफी अच्छी रही थी और इस दौरान उन्हें एक काव्य पुस्तक भी भेंट की गई थी। हालांकि बाकी पत्रकारों को तो वीजा के साथ अपने पासपोर्ट जल्द ही मिल गए लेकिन स्वामी के पासपोर्ट पर भी वीजा के ऊपर 'कैंसल' का स्टांप भी लगा था। 
पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना था कि वो किसी अन्य पत्रकार को वीजा दे सकते हैं लेकिन 'द हिंदू' ने फिर किसी और पत्रकार को न भेजने का फैसला किया। इस मामले में भारत सरकार ने भी दखल न देने में ही भलाई समझी और मुद्दे को पाकिस्तान के सामने नहीं उठाया। इस पर स्वामी का कहना है, 'हर देश के पास किसी को वीजा देने या न देने का अधिकार है लेकिन औपचारिक यात्रा पर मंत्री के साथ कौन पत्रकार आएगा और कौन नहीं आएगा यह मेजबान देश द्वारा तय करना दुखद है।'स्वामी के वीज रद्द करने के पीछे पाकिस्तान की मिलिट्री इंटेलिजेंस भी हो सकती है। स्वामी भारत और पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और जांच एजेंसियों पर खबरें लिखते रहे हैं। स्वामी कभी पाकिस्तान नहीं गए हैं और वीजा रद्द होने पर उन्हें कोई हैरानी तो नहीं हुई लेकिन इसके पीछे कोई ठोस कारण भी नउन्हें नहीं दिख रहा है। 
हालांकि पाकिस्तानी पत्रकारों का वीजा रद्द करने के मामले में भारत का रिकार्ड भी बिलकुल साफ नहीं है लेकिन हाल ही के दिनों में इसमें सुधार जरूर हुआ है। स्वामी कहते हैं, 'कई सालों से कहा जा रहा है कि दोनों देशों के पत्रकारों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को बार्डर के आर पार आसानी से यात्रा करने दी जानी चाहिए लेकिन हैरत की बात यह है कि दोनों ही देशों में एक भी शोधार्थी छात्र नहीं है जो सीमा पार से आया हो। कारण स्पष्ट हैं, क्योंकि दोनों ही देशों ने वीजा नियमों में ढील नहीं दी है। अगर दोनों देश बेहतर संवाद और माहौल चाहते हैं तो उन्हें इस दिशा में व्यापक सुधार की जरूरत है।'
sabhar dainikbhaskar.com

No comments:

Post a Comment