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Friday, September 14, 2012

कल करें इस यंत्र की स्थापना व पूजन, मिलेगी कामयाबी

शनिश्चरी अमावस्या (15 सितंबर, शनिवार) वह शुभ समय है जब शनि संबंधी सभी प्रयोग, उपाय, टोटके व पूजा दोगुना फल प्रदान करते हैं। यदि आपकी कुंडली में शनि अशुभ स्थान है या आप पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है आपको हर कार्य में असफलता ही हाथ लगती है या सोचे गए कार्य देर से होते हैं। ऐसे में शनि जयंती के अवसर पर शनि यंत्र स्थापित करने और प्रतिदिन इसकी पूजा विधि-विधान करने से साढ़े साती व ढैय्या का प्रभाव कम हो जाता है। 
ऐसे करें पूजा
श्रद्धापूर्वक शनि यंत्र की प्रतिष्ठा करके प्रतिदिन यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीप जलाएं। नीला या काला पुष्प चढ़ाएं ऐसा करने से लाभ होगा। इसके साथ ही प्रतिदिन शनि स्त्रोत या ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करें।
मृत्यु, कर्ज,  मुकद्दमा, हानि, क्षति, पैर आदि की हड्डी तथा सभी प्रकार के रोग से परेशान लोगों के लिए शनि यंत्र की पूजा बहुत फायदेमंद होती है। नौकरी पेशा लोगों को उन्नति भी शनि द्वारा ही मिलती है अत: यह यंत्र बहुत उपयोगी है।
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