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Friday, September 14, 2012

रिटेल में 51 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी, ममता ने दी सरकार छोड़ने की धमकी


नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने किराना में विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है। दिल्ली में आज हुई केंद्र सरकार की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में यूपीए की महत्वपूर्ण सहयोगी तृणमूल मौजूद नहीं थी।
केंद्र सरकार ने एयरलाइंस में 49 प्रतिशत और मल्टीब्रांड किराना स्टोर्स में 51 प्रतिशत विदेशी निवेश और सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की मंजूरी दे दी है। डीटीएच और केबल नेटवर्क में केंद्र सरकार ने 74 फीसदी तक विदेशी निवेश की मंजूरी भी दी है।
गौरतलब है कि संसद के पिछले सत्र में विदेशी किराना का मुद्दा छाया रहा था और ममता बनर्जी के विरोध के चलते सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था।
केंद्र सरकार के इस फैसला के तृणमूल कांग्रेस ने तीखा विरोध किया है। पार्टी के विरष्ठ नेता कुणाल घोष ने कहा कि हमारी पार्टी और ममता बनर्जी इस फैसले का पुरजोर विरोध करती हैं। कुणाल ने कहा कि हमारे पास संसद में इतनी संख्या नहीं है कि हम फैसलों को रोक सकें लेकिन हमें खुलकर इसका विरोध तो कर ही सकते हैं। कांग्रेस के पास संख्याबल है और यूपीए में उन्हीं की चलती है। कुणाल घोष ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ऐसी किसी भी पॉलिसी को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करेगी। यही नहीं कुणाल घोष ने यह भी कहा कि यदि एफडीआई को वापस नहीं लिया गया तो तृणमूल किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए तैयार हैं।
विदेशी निवेश को किस तरह लागू किया जाना है यह राज्य सरकारें तय करेंगी। आर्थिक सुधारों के नाम पर लिए गए केंद्र सरकार के इस फैसले की बीजेपी और सीपीआई ने तीखी आचोलना की है। विपक्ष ने कहा है कि यूपीए अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए गलत फैसले ले रही है। 
sabhar dainikbhaskar.com

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