नई दिल्ली. डीजल की कीमतों में पांच रुपये प्रति लीटर इजाफे (हाईस्पीड डीजल तो 19.50 रुपये प्रति लीटर महंगा किया गया है) और साल में केवल छह सस्ते एलपीजी सिलेंडर देने के सरकार के फैसले से देश भर में हाहाकार (इससे संबंधित पूरी जानकारी यहां पढ़ें) मचा है। सोने ने भी 32900 की रिकॉर्ड ऊंचाई छू ली है।
केंद्र सरकार के इस फैसले का हर जगह विरोध हो रहा है। लेकिन दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित ने आम आदमी के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। उनका कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़े हैं तो लोगों की सैलरी भी बढ़ी है। उन्होंने शुक्रवार को कहा, 'कीमतें बढ़ती हैं तो वेतन-भत्ते बढ़ते हैं। वेतन-भत्ते बढ़ते हैं तो कीमतें बढ़ती हैं। हमें इस चक्र को समझना होगा। कोई सरकार नहीं चाहती कि दाम बढ़ाए जाएं। ये फैसले मजबूरी में लिए जाते हैं।'
अब अगर साल में छह से ज्यादा सिलेंडर लेते हैं तो दोगुनी कीमत चुकानी होगी। इससे चार लोगों के परिवार पर सालाना 1500 रुपये का बोझ पड़ने वाला है (आगे के स्लाइड में पूरा गणित समझाया गया है)। सरकार के फैसले का हर तरफ विरोध हो रहा है। इसके बावजूद वह जनता को राहत देने के मूड में नहीं लग रही। ऐसे में महंगाई से लड़ाई आपको खुद ही लड़नी होगी। तो हम कुछ मामूली टिप्स बता रहे हैं, जिसे आजमा कर गैस का खर्च 30 फीसदी तक घटाया जा सकता है।
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