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मुख्य अतिथि डा. सतीष प्रकाष ने कहा कि 24 सितम्बर 1932 को कम्यूनल अवार्ड के बदले पूना पैक्ट के माध्यम से आरक्षण की व्यवस्था की गइ थी जिसका पूर्ण रूप से अभी तक पालन नहीं हो पाया है। जिला संरक्षक हुकुम सिंह ने कहा कि इतिहास में पहली बार कोई राजनैतिक पार्टी पदोन्नति आरक्षण का विरोध कर रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आरक्षण पूना पैक्ट के माध्यम से दी गई हिस्सेदारी है कोई भीख नहीं है। जिला संयोजक ने कहा कि दलितों की दयनीय स्थिति में केवल आरक्षण से ही सामाजिक व आर्थिक स्तर सुधरा है।
जिला संयोजक हरकेष सिंह ने कहा कि आरक्षण का विरोध करने यह जान लें कि आरक्षण के बदले कम्यूनल अवार्ड से समझौता किया गया था जो पूना पैक्ट के रूप में हुआ था इसलिए आरक्षण हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।
धरने पर ईष्वर सिंह पालीवाल, अमन कुमार, योगेष कुमार, अरूण कुमार, सतीष कुमार, सुखपाल सिंह, वेदप्रकाष, दिनेष कुमार, अषोक कुमार, नरेष कुमार, नाथीराम, ओमपाल, सुभाष, विजय, डा. उदयभान राव, दिनेष कुमार, निर्मल दास, सुनील सागर, लवकुष, सुभाष कुमार, संजीव कुमार, सोम कुमार, बीपी सिंह, डा. महक सिंह, प्रमोद, डा. केपी सिंह, मुकेष कुमार, राजेष कुमार, भूषण सिंह, जेपी सिंह, राज सिंह, जगदीष सिंह, षीषपाल, ऋषिपाल, अमित गौतम आदि मौजूद रहे।
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