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Friday, September 14, 2012

केन्द्र सरकार ने डीजल बम फोड रसोई के चूल्हे की आग में लगा दी आग

पैट्रोल व डीजल के दामों में बढोत्तरी ने तीन सालों में तोडा रिकार्ड

३ सालो में पेट्रोल के १८ बार और डीजल के ५ बार बढे दाम

डीजल हुए 5 रूपये, सिलेण्डर मिलेगा ३९९ रूपये महंगा

दाम बढाने से आम जनता में बढा सरकार के प्रति रोष, करेगी विरोध

सचिन धीमान
नई दिल्ली (अलर्ट न्यूज)। देश की केन्द्र सरकार ने आम जनता के ऊपर डीजल बम के फोडने के साथ साथ रसोई के चूल्हे की आम में भी आग लगा दी है। जिससे आम लोगों की रोटी बनने की बजाए जलकर राख हो जायेगी। सरकार ने डीजल के दामों में ५ रुपये प्रति लीटर का इजाफा
 करते हुए गैस सिलेण्डर पर भी दाम बढाते हुए 746 रूपये प्रति सिलेण्डर कर दिया है। वहीं, सरकार ने पेट्रोल और केरोसीन के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है। गैस सिलेण्डर के बढे हुए दाम नये साल से उपभोक्ताओं को चुकाने पडेंगे। सरकार ने गैस सिलेण्डर व डीजल के दाम बढाकर आम आदमी की कमर तोडने की तैयारी पूरी कर दी है। आम जनता की माने तो दामों में हुई इस बढोत्तरी से उनकी कमर टूटने वाली है।
केन्द्र सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को कई गई डीजल व गैस सिलेण्डर के दामों में बढोत्तरी से हर आम आदमी से लेकर व्यापारियों की रातों की नींद उडा दी है। जिस पर गैस व डीजल के दामों में बढोत्तरी की गई है उससे आम आदमी के चूल्हे में जाने वाली आग में सरकार ने ऐसी आग लगा दी है जिससे उसके चूल्हें में रोटी बननी बंद हो जायेगी और वह भूखा मरने की कगार पर पहुंच जायेगा।
सरकार ने १ साल में केवल ६ एलपीजी खरीदने को सीमित कर दिया है। डीजल के बढ़े हुए दाम को आज रात से ही लागू कर दिया जाएगा।
३ सालों की इस अवधि में पेट्रोल की कीमतों में १७ बार और डीजल के दामों में ६ बार इजाफा किया गया है। इससे पहले सरकार ने २३ जुलाई को पेट्रोल की कीमतों में ७० पैसे का इजाफा किया गया था
डीजल के दाम ५ रुपये बढ़ने के बाद अब दिल्ली में डीजल ४१.२९ रुपये प्रति लीटर की जगह ४६.२९ रुपये देने होंगे। वहीं, मुंबई में १ लीटर डीजल खरीदने के लिए लोगों को अब ४६.९८ रुपये चुकाने होंगे। इससे पहले तक मुंबई में डीजल की कीमत ४१.९८ रुपये थी।
सरकार द्वारा डीजल व रसोई के दामों में की गई इस बडी बढोत्तरी से राजनैतिक पार्टियों के साथ साथ आम जनता में भी रोष बढ गया है। महंगाई के विरोध में राजनैतिक पार्टियों के साथ साथ आम जनता भी सडक पर उतरकर विरोध करने को तैयार हो गयी है।
सरकार के फैसले के मुताबिक अब हर परिवार को केवल ६ सिलेंडर सब्सिडी वाली कीमत यानी ३९९ रुपये पर मिल सकेगा। इसके बाद ७वां सिलेंडर खरीदने पर उपभोक्ता को बाजार भाव चुकाते हुए 746 रूपये होगें। यानी, सरकार ने ७वें सिलेंडर की कीमत में भी ३४७ रुपये की बढोत्तरी प्रति सिलेण्डर के दामों में कर दी है। अब हर परिवार को अगले साल मार्च २०१३ तक केवल ३ सिलेंडर ही सस्ते दाम पर मिल सकेगा।
इससे पहले ७० पैसे से पहले पेट्रोल के दाम में प्रति लीटर ७.५० पैसे का इजाफा किया था। ऐसे में इस इजाफे को जोड़ते हुए पिछले ३ सालों में पेट्रोल की कीमतों में करीब २४ रुपये का इजाफा किया जा चुका है। वहीं डीजल को लेकर ये आंकड़ा ८ रुपये प्रति लीटर है। महंगाई से त्रस्त जनता के लिए ये इजाफा कमर तोड़ने वाला है।
दिलचस्प है कि पिछले तीन वर्ष के दौरान पेट्रोल ४७ प्रतिशत और डीजल २५ प्रतिशत महंगा हुआ। ३ साल पहले पेट्रोल की कीमत करीब ४४ रुपये प्रति लीटर थी, वहीं ७.५० रुपये के इजाफे से पहले ये आंकड़ा ६७ रुपये के आस-पास बना हुआ था।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में पिछले ३ सालों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कई बार आसमान पर पहुंची हैं। ३ सालों की इस अवधि में पेट्रोल की कीमतों में १८ बार और डीजल के दामों में ५ बार इजाफा किया गया है।
सरकार ने २ साल पहले पेट्रोलियम पदार्थों पर सब्सिडी के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए इसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों से जोड़ा था। जून २०१० में ऐसा होने के बाद पेट्रोल को प्रशासनिक मूल्य प्रणाली के दायरे से बाहर कर दिया गया था। इससे पेट्रोल पर सरकार का नियंत्रण लगभग खत्म हो गया था। इतना ही नहीं सरकार ने कंपनियों को वैश्विक बाजार कीमतों के आधार पर हर १५ दिन पर कीमतों में बदलाव तक की छूट दे दी थी।
आंकड़ों के मुताबिक, २ जुलाई २००९ को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ४४.७२ रुपये प्रति लीटर थी। वहीं दिसंबर २०११ में ये कीमत ६५ रुपये पर पहुंच गई थी। तीन साल की इस अवधि में नवम्बर ११ में पेट्रोल की कीमत ऊपर में ६८.६४ रुपये प्रति लीटर तक भी पहुंची। इस दौरान डीजल की कीमत ३२.६७ रुपए से बढकर ४०.९१ रुपए पर पहुंच गई। हालांकि इस अवधि के दौरान डीजल के दाम ऊपर में ४१.२९ रुपये प्रति लीटर तक भी पहुंचे।

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