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Friday, October 5, 2012

आखिर क्या हो गया है भाकियू के रणनीतिकारों को,,,????

सचिन धीमान
मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)।
किसान मसीहा चौ. महेन्द्र सिहं टिकैत के जन्मदिवस 6 अक्टूबर का पिछले दो माह से सिसौली वासियों सहित भाकियू नेताओं को बडी बेताबी से इंतजार था। वह घडी भी अब आ चुकी है। लेकिन पिछले करीब दो माह से भाकियू नेता सिसौली में माहत्मा टिकैत की मूर्ति के अनावरण करने के लिए पहंुचने वाले मुख्यअतिथि के नाम को कई बार बदल चुकेे है। कभी वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा मूर्ति के अनावरण की बात कहते दिखाई दिये।
उल्लेखनीय है कि शनिवार 6 अक्बूटर को जनपद के ग्राम सिसौली में भाकियू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं किसान मसीहा का जन्मदिन बडे ही धूमधाम से मनाया जायेगा। इस बात को लेकर सिसौली वासियों के चेहरों पर खुशी की लहर पिछले एक माह से दिखाई दे रही है। हर 6 अक्टूबर को लेकर हर किसी के चेहरे पर खुशी की रौनक झलकती दिखाई दे रही है। परंतु ना जाने भाकियू के रणनीतिकारों को क्या हो गया है? भारतीय किसान यूनियन के रणनीतिकारों द्वारा पहले सिसौली में तीन मूर्तियां लगाये जाने की बात कही गयी। महात्मा टिकैत की, प. नायडू स्वामी, देवीलाल जी की मूर्तियां लगाने की बात कही। बाद में भाकियू के रणनीतिकारों ने घोषणा की कि बाबा टिकैत के जन्म दिवस पर 6 अक्टूबर को सिसौली में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मूर्तियों का अनावरण करेंगे और इस दौरान उनके साथ कृषि मंत्री शरद पंवार भी साथ में रहेंगे इतना ही नहीं कई बडे मंत्रियों का भी सिसौली में अनावरण के अवसर होने पहुंचने की चर्चा की गयी थी। विगत दिनों भाकियू के रणनीतिकारों ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सिसौली नहीं पहुंच रहे है जिस कारण उन्होंने किसी भी मंत्री या राजनेता कोे मूर्तियों के अनावरण कराने के लिए नहीं बुलाया जायेगा। लेकिन एक बार फिर भारतीय किसान यूनियन के रणनीतिकारों ने घोषणा कर डाली की मूर्तियां का अनावरण करने के लिए बाबा रामदेव व अन्ना हजारे सिसौली पहुंचेंगे और मूर्तियों का संयुक्त रूप से अनावरण करेंगे। परंतु भाकियू की रणनीतिकारों की घोषणा का यही विराम नहीं लगा और उन्होंने एक बार फिर घोषणा करते हुए कहा कि किसान मसीहा बाबा महेन्द्र ंिसंह टिकैत के जन्मदिवस पर सिसौली में मूर्तियों का अनावरण करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सहित भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी आ रहे है।
भारतीय किसान यूनियन द्वारा समय समय पर राजनैतिक पार्टियों को बूरी पार्टी बताया जाता रहा है। जिनमें कुछ समय तक बीएसपी फिर सपा और बाद में मध्यप्रदेश में हुए भाकियू की गिरफ्तारी के बाद भाजपा को किसान विरोधी बताया गया परंतु अब भाकियू द्वारा भाजपा के ही नेता मुरली मनोहर जोशी को सिसौली में बुलाया जा रहा है। भाकियू में ये क्या चल रहा है हर कोई भाकियू की इस चाल को देखकर हैरतबद्ध है। आखिर ये बदलाव क्यों है विचारों का बदलना, आखिर ये सब क्या है? ये राजनैतिक अराजनैतिक की चर्चा क्या है। आखिर भाकियू को महात्मा टिकैत के जन्मदिवस को विवादस्पद मोड देने की जरूरत क्या है। भाकियू के लिए महात्मा टिकैत का जन्मदिवस बनाने के लिए वो चर्चा जो चौधरी साहब के साथ थी काफी थी। क्या जरूरत थी उन लोगों को बुलावा भेजने की जिनके दिलों में चौधरी साहब के लिए कोई सम्मान नहीं है। यदि भाकियू के रणनीतिकारों सहित राकेश टिकैत अभी भी नहीं सम्भले तो समय हाथ से निकल जायेगा इसलिए भाकियू के रणनीतिकारों को सम्भलने की जरूरत है

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