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Thursday, October 18, 2012

केजरीवाल ने घोषित की रिसर्च टीम, अब होगा बड़ा खुलासा

केजरीवाल ने घोषित की रिसर्च टीम, अब होगा बड़ा खुलासा
नई दिल्ली. रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ प्रकरण और सलमान खुर्शीद के एनजीओ पर हुए खुलासे के बाद अरविंद केजरीवाल की संस्था इंडिया अंगेस्ट करप्शन (आईएसी) के दफ्तर में देशभर से नेताओं व ब्यूरोक्रेट्स के घोटालों से जुड़े दस्तावेजों के आने का सिलसिला तेज हो गया है। 
 थोक के भाव में आ रहे इन दस्तावेजों की पड़ताल व चयन के लिए केजरीवाल ने बाकायदा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का गठन किया है। इस टीम में उच्चकोटि के छह पेशेवर स्वयंसेवी हैं, 
जिसमें एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, एक आईआईएम के गेस्ट लेक्चरर, एक आईआईटीयन, एक एडवोकेट, एक जर्नलिस्ट और एक मैनेजमेंट ग्रेजुएट शामिल है। सुरक्षा कारणों से इस ‘खास’ टीम के इन सदस्यों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं, लेकिन रिसर्च टीम इस समय करीब एक दर्जन मुद्दों पर काम कर रही है। इनका आने वाले दिनों में खुलासा हो सकता है। संस्था से जुड़ी अश्वथी मुरलीधरन ने बताया कि हर दिन उनके दफ्तर को फोन कॉल्स, पत्र व ई-मेल के जरिए कई दर्जन शिकायतें मिल रही हैं। कुछ लोग व्यक्तिगत रूप से दस्तावेज लेकर भी दफ्तर आ रहे हैं। रिसर्च टीम को कोई भी मुद्दा सौंपे जाने से पहले किसी भी आरोप या शिकायत को संस्था के वरिष्ठ सदस्य प्रशांत भूषण, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय सुनते या पढ़ते हैं। जिन आरोपों में जनता का व्यापक हित नजर आता है और पुख्ता सुबूत मिलते हैं, उन्हें रिसर्च टीम को सौंपा जाता है।
ये हैं ‘खास’ टीम में :
 
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, एक आईआईएम का गेस्ट लेक्चरर, एक आईआईटीयन, एक एडवोकेट, एक जर्नलिस्ट और एक मैनेजमेंट ग्रेजुएट
इस तरह बढ़ती है तफ्तीश आगे
 
1. शिकायती दस्तावेज मिलते ही आईएसी के प्रमुख सदस्य इसे देखते हैं। जिन आरोपों में पुख्ता सुबूत मिलते हैं, उन्हें रिसर्च टीम को सौंपा जाता है। 
 
2. टीम आरोपों से जुड़े तथ्यों की जांच के लिए सबसे पहले इंटरनेट के जरिए बैकग्राउंड जुटाती है। स्थानीय स्वयंसेवी मिले तथ्यों का संबंधित सरकारी विभाग से जुड़े अधिकारियों अथवा अन्य स्रोतों से सत्यापन करते हैं।
केजरीवाल ने घोषित की रिसर्च टीम, अब होगा बड़ा खुलासा
3. सीए की जिम्मेदारी यह तय करना है कि किसी भी फंड या मद पर किया गया बेतरतीब खर्च वैध है या अवैध।  एडवोकट संबंधित मामले के कानूनी पहलुओं की तफ्तीश करता है।
 
4. आरोपों में पुख्ता बनाने के लिए यदि और सुबूतों की आवश्यकता है तो रिसर्च टीम खुद मौके पर जाकर सुबूत जुटाती है। बाद में यह टीम एनालिसिस रिपोर्ट तैयार करती है, जो टीम अरविंद के कोर सदस्यों के सामने पेश होती है।
 
5. कोर टीम की बैठक में यह तय होता है कि किस मुद्दे का, किन दस्तावेजों के साथ मीडिया में खुलासा करना है। 
sabhar dainikbhaskar.com
 
 
 

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