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Thursday, October 18, 2012

एंग्री मिनिस्टर ऑफ यूपी: इनके गुस्से का कहर, बरपा शहर-शहर

11 अगस्‍त को आजम खां ने लखनऊ के नगर आयुक्‍त एनपी सिंह को निलंबित करने का फरमान सुनाया। दरअसल आजम खां शहर के वीआईपी इलाके में गंदगी देखकर क्षुब्‍ध थे। मंत्री जी ने आदेश तो दे दिया लेकिन जब उस पर किसी ने तामील नहीं किया और नगर आयुक्‍त अपना काम करते रहे तो आजम खां का गुस्‍सा और बढ़ गया और उन्‍हेांने विरोध में दफ्तर आना छोड़ दिया। इसके बाद आखिरकार 2 सितम्‍बर को एनपी सिंह का तबादला करके उन्‍हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया। आजम खां शांत हो गए, वह अलग बात थी कि एनपी सिंह को निलंबित करने के उनके फरमान की तामील इस बार भी नहीं की गर्इ।
लखनऊ. वो निकलते हैं तो अफसरों की हालत खराब हो जाती है, जिस इलाके में जाते हैं दो चार को निलंबन थमा आते हैं। अपने 6 महीने के कार्यकाल में प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां भ्रष्‍टाचार, अव्‍यवस्‍था, कार्यों में लापरवाही देखकर दर्जनों अफसरों को निलंबित कर चुके हैं। इसी क्रम में पिछले दिनों उन्‍होंने तीन और अफसरों को निलंबित करने व एक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संस्‍तुति कर दी।
 

आइए जानते हैं कब और क्‍यों बिफरे आजम और किस-किसने झेला कहर...

 
23 अप्रैल को आजम खां ने अपने जिले रामपुर में विलासपुर सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान ओपीडी ड्यूटी डॉ रजनीश गुप्‍ता की थी। पता चला कि डॉ गुप्‍ता ओपीडी में कभी नहीं आते। यहां आने की बजाए वह अपनी पत्‍नी के नर्सिंग होम में बैठते हैं। आजम खां ने यहां से सीधा रुख डॉ गुप्‍ता के नर्सिंग होम किया। यहां उन्‍हें डॉ रजनीश गुप्‍ता मरीजों का इलाज करते मिले। इसके बाद आजम खां ने डॉ रजनीश गुप्‍ता को गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए और वहां से चले गए।
2 जुलाई को आजम खां ने जल निगम के चेयरमैन की हैसियत से 25 वरिष्‍ठ अधिकारियों को सस्‍पेंड कर दिया। आजम के अनुसार उनके खिलाफ भ्रष्‍टाचार और कार्य में लापरवाही की कई शिकायतें आ रही थीं। इनमें चार इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए।
27 अगस्‍त को आजम खां जब नगर विकास की मीटिंग में पहुंचे तो वहां प्रमुख सचिव प्रवीर कुमार और सचिव सुनीता चतुर्वेदी को अनुपस्थित पाकर बिफर पड़े। इस दौरान एक अफसर ने कुछ बोलने की कोशिश की तो आजम खां ने कहा कि बकवास करते हो, चुप बैठिए, बदतमीज कहीं के। इसके बाद आजम ने मीटिंग ही रद कर दी। आजम खां का कहना था कि जब 27 से 29 तारीख मीटिंग के लिए पहले से ही तय की जा चुकी थी तो इसमें अफसर अनुपस्थित कैसे रह सकते हैं।
14 अक्‍टूबर को प्रदेश के नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खाँ ने इलाहाबाद में कुम्भ मेले की तैयारियों के सम्बन्ध में और अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं की समीक्षा के दौरान 3 अधिकारियों को निलम्बित करने और एक अधिकारी के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए। नगर पंचायत, कुण्डा और नगर पंचायत लालगोपालगंज में सड़क किनारे और डिवाइडर पर भीषण गन्दगी पाये जाने पर कुण्डा के अधिशासी अधिकारी एम.एम.जैदी और लालगोपालगंज के अधिशासी अधिकारी जे.पी. मौर्या को निलम्बित करने के आदेश दिये। साथ ही मंझनपुर के पूर्व अधिशासी अधिकारी अनीस अहमद के विरुद्ध गम्भीर शिकायतों को देखते हुये, उनके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
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