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Tuesday, August 7, 2012

स. वीएम सिंह ने किसानों की त्यौहारांे पर दोगुनी कर दी खुशियां



चौमासे में किसानों के खातों में आयेंगे लाखों रूपये

मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। किसानों के लिए अपने आपको समर्पित कर चुके सरदार वीएम सिंह ने किसानों के घर में एक बार फिर त्यौहारों की बीच खुशी लाकर दे दी है। जी हाँ किसानों को गन्ना मिलों पर बकाया भुगतान मय ब्याज के मिलने जा रहा है। इतना ही नहीं किसानों की जारी की गई आरसी भी हाई कोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने गन्ना भुगतान न किये जाने तक रोके जाने के आदेश प्रदेश सरकार को दे दिये है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की चीनी मिल मालिक किसानों को वर्ष 2011-2012 में 240 रूपय प्रति कुंतल की दर से भुगतान करने से बचने के हेतु सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गये थे  और किसानों को 145/- रूपये प्रति कुन्तल की दर से भुगतान करने की मांग कर रहे थे लेकिन राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं किसानों के हित में हमेशा सडकों से लेकर कोर्ट तक लडाई लडने वाले सरदार वीएम सिंह ने किसानों की ओर से पैरवी करते हुए वर्ष 2011-2012 का चीनी मिलों से 240/- रूपये प्रति कुन्तल की दर से भुगतान कराये जाने की अपील की थी जिस पर उच्चतम न्यायालय ने चीनी मिलों को गन्ना भुगतान 240 रूपय प्रति कुन्तल की दर से तीन किस्तों में 7 मई, 7 जून व 7 जुलाई तक 5400 करोड रूपये का भुगतान करने के आदेश दिये थे। परंतु चीनी मिलों द्वारा उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायधीशों के आदेश का न मानकर किसानों को गन्ने का 240/- रूपये कुन्तल की दर से पूरा भुगतान नहीं किया था। चीनी मिल मालिक चाहते थे कि वह किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा दिये जा रहे 145 रूपये प्रति कुन्तल की दर से ही भुगतान करे जबकि किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा दिये जाने वाले लाभ के आधार पर 240 रूपये प्रतिकुन्तल की दर से भुगतान करना था और चीनी मिले 240 रूपये प्रति कुन्तल की दर से भुगतान करने से बचाना चाहते थें, वीएम सिंह मिलों के इन इरादों को भाप चुके थे और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर किसानों के पक्ष में आदेश कराने में सफल रहे। जिसके बाद कुछ मिलों ने भुगतान किया भी कुल 3400 करोड का भुगतान किसानों का प्राप्त हुआ।
इसके बाद किसानों की आरसी न काटी जाये जब तक कि उनका पूर्ण भुगतान नहीं किया जाता। ऐसा लिखकर एक पत्र प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव को  भी वीएम सिंह ने लिखा। परंतु प्रदेश शासन व प्रशासन ने इस पर कोई रूची नहीं दिखाई। कई किसान संगठन व सियासी दल भी इस पर सियासत करते रहे।
22 जुलाई को गजरौला में जब वीएम सिंह ने पूर्व जनरल  वीके सिंह के साथ 50 हजार किसानों के साथ विजय दिवस बनाया तो मालूम हुआ कि जहां किसानों का पूर्ण भुगतान नहीं हुआ है वहीं उनकी आरसी भी काटी जा रही है। जिस पर वीएम सिंह ने गरजना करते हुए कहा कि मालिक ने चाहा तो किसानों का बकाया भी ब्याज सहित मिलेगा। साथ ही उनकी आरसी भी नहीं कटेगी।
सरदार वीएम सिंह ने किसानों के हितों की लडाई व उनके हकों को उन्हें दिलाने के लिए हाई कोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ में विगत 30 जुलाई को चीनी मिलों के खिलाफ किसानों का बकाया गन्ना भुगतान न किये जाने पर याचिका दायर की थी जिस पर लखनऊ खण्डपीठ के न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह व न्यायमूर्ति वीरेन्द्र कुमार दीक्षित ने 6 अगस्त को सुनवाई करते हुए चीनी मिलों को किसानों का बकाया गन्ना भुगतान मय 15 प्रतिशत ब्याज के देने के आदेश पारित कर दिये है। किसानों का अभी 2 हजार करोड रूपये गन्ने का भुगतान चीनी मिलों पर बाकी है। इतना ही नहीं सरदार वीएम सिंह ने उन किसानों को भी राहत दिलाई है जिन किसानों की आरसी काट दी गई थी तथा कुछ किसानों की आरसी काटनी बाकी थी। उन्होंने कोर्ट से याचिका में मांग की थी कि किसानों का गन्ना भुगतान मय 15 प्रतिशत ब्याज के होने तक आरसी कटने से रोका जाये तथा जिन 52 लाख किसानों की आरसी काट दी गई है उनकी आरसी भी उनके गन्ने का भुगतान होने तक रोका जाये। इस आदेश के बाद किसानों के चेहरों पर मुस्कुराहट आ गयी है। स. वीएम सिंह ने किसानों को जन्मष्टमी व ईद के मौके पर उनके घरों में त्यौहारों की खुशियों को दोगुना कर दिया है।


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