नई दिल्ली.भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी और आईआईटी जैसे संस्थान के छात्र रहे अरविंद केजरीवाल पिछले डेढ़ सालों से लगातार सुर्खियों में हैं। सूचना के अधिकार को लेकर सक्रिय रहे केजरीवाल मैगसेसे पुरस्कार जीत चुके हैं। इसी महीने की शुरुआत में दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन खत्म कर देश को राजनीतिक विकल्प देने का वादा कर चुके केजरीवाल ने बीते रविवार को राजधानी में हुए जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर उन आलोचकों का मुंह बंद कर दिया जो उन्हें 'चुका' हुआ मान रहे थे।
लेकिन क्या वे भारतीय राजनीति में कोई नया विकल्प दे पाएंगे? क्या कांग्रेस और बीजेपी जैसी बड़ी पार्टियों के इतर केजरीवाल और उनमें यकीन करने वाले लोग देश में कोई स्थायी तीसरा विकल्प दे पाएंगे? क्या उनकी जल्द घोषित होने जा रही पार्टी राजनीति के मौजूदा मुहावरों को बदल पाएगी? क्या वे जनता के बीच से, जनता के लिए और जनता के द्वारा की जाने वाली राजनीति का सपना पूरा कर सकेंगे? जानकार मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल की शख्सियत में ऐसी कई खास बातें हैं, जो उनमें कई लोगों को उम्मीद और आस्था रखने के लिए आकर्षित करती हैं। लेकिन दूसरी तरफ ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो उनमें कई खामियां भी देखते हैं। केजरीवाल के आलोचकों का मानना है कि उनकी कमियां उनके उद्देश्य की राह में बड़ा रोड़ा हैं।
लेकिन क्या वे भारतीय राजनीति में कोई नया विकल्प दे पाएंगे? क्या कांग्रेस और बीजेपी जैसी बड़ी पार्टियों के इतर केजरीवाल और उनमें यकीन करने वाले लोग देश में कोई स्थायी तीसरा विकल्प दे पाएंगे? क्या उनकी जल्द घोषित होने जा रही पार्टी राजनीति के मौजूदा मुहावरों को बदल पाएगी? क्या वे जनता के बीच से, जनता के लिए और जनता के द्वारा की जाने वाली राजनीति का सपना पूरा कर सकेंगे? जानकार मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल की शख्सियत में ऐसी कई खास बातें हैं, जो उनमें कई लोगों को उम्मीद और आस्था रखने के लिए आकर्षित करती हैं। लेकिन दूसरी तरफ ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो उनमें कई खामियां भी देखते हैं। केजरीवाल के आलोचकों का मानना है कि उनकी कमियां उनके उद्देश्य की राह में बड़ा रोड़ा हैं।
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