अहमदाबाद. गुजरात के नरोडा पाटिया नरसंहार के लिए दोषी करार दिए गए लोगों को यहां की विशेष अदालत ने सजा सुना दी है। पूर्व मंत्री माया कोडनानी (पढ़ें प्रोफाइल) को 28 साल जबकि बाबू बजरंगी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। सरकारी वकील शमशाद पठान ने बताया कि कोडनानी को पहले धारा 326 के तहत 10 साल की कैद काटनी होगी, फिर धारा 302 के तहत उनकी उम्र कैद की सजा शुरू होगी। इस तरह उन्हें 28 साल जेल में बिताने होंगे। बाबू बजरंगी को ताउम्र जेल में सजा काटनी होगी। कुछ दोषियों को 31 साल तो बाकी को सामान्य उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। जज ने सजा सुनाते हुए सख्त टिप्पणी की और कहा कि यह घटना लोकतंत्र पर काला धब्बा है। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कडे इंतजाम हैं। नरोडा में भी एहतियातन सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान तैनात कर दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने नरोडा में बंद (तैनाती और बंदी की तस्वीरें) रखा है।
साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के समय हुए नरोडा पाटिया हत्याकांड (तस्वीरें) मामले में कोर्ट ने कोडनानी और बाबू बजरंगी (जिन्होंने दंगों में शामिल होने की बात कुबूल भी की थी, देखें स्टिंग का वीडियो) सहित 32 लोगों को दोषी ठहराया था।
कोडनानी नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़ी पहली शख्स हैं जिन्हें दंगों का दोषी ठहराया गया है (ट्वीट्स: क्या दंगों का ईनाम था माया का मंत्री पद)। विपक्ष लगातार दंगों में मुख्यमंत्री मोदी की भूमिका होने के आरोप लगाता रहा है, लेकिन मोदी का साफ मानना है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है। वह इसी तर्क के आधार पर माफी की मांग को भी नकारते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर वह दोषी हैं तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए (पढ़ें मोदी की सफाई)। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांगा तो बीजेपी ने सीएम का बचाव करते हुए कहा कि दंगों (गुजरात दंगों से जुड़े मामलों की दास्तां पढें) में उनका नाम बेवजह घसीटा जा रहा है।
साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के समय हुए नरोडा पाटिया हत्याकांड (तस्वीरें) मामले में कोर्ट ने कोडनानी और बाबू बजरंगी (जिन्होंने दंगों में शामिल होने की बात कुबूल भी की थी, देखें स्टिंग का वीडियो) सहित 32 लोगों को दोषी ठहराया था।
कोडनानी नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़ी पहली शख्स हैं जिन्हें दंगों का दोषी ठहराया गया है (ट्वीट्स: क्या दंगों का ईनाम था माया का मंत्री पद)। विपक्ष लगातार दंगों में मुख्यमंत्री मोदी की भूमिका होने के आरोप लगाता रहा है, लेकिन मोदी का साफ मानना है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है। वह इसी तर्क के आधार पर माफी की मांग को भी नकारते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर वह दोषी हैं तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए (पढ़ें मोदी की सफाई)। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांगा तो बीजेपी ने सीएम का बचाव करते हुए कहा कि दंगों (गुजरात दंगों से जुड़े मामलों की दास्तां पढें) में उनका नाम बेवजह घसीटा जा रहा है।
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