मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मंडल संयोजक विकास बालियान के जाट कालोनी स्थित आवास पर हुई एक बैठक में स. वीएम सिंह को लेकर चर्चा हुंई। बैठक में वक्ताओे ने एक सुर में वीएम सिंह द्वारा किसान हित में किये जा रहे कार्यों की प्रसन्नसा करते हुए कहा गया कि इस वक्त किसानों के लिए वीएम सिंह किसी मसीहा से कम नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि एक हजार करोड की सम्पत्ति के मालिक वीएम सिंह ने अपना पूर्ण जीवन किसानो ंके लिए समर्पित कर दिया है एक ओर जहां वे इसी दौड मंे लगे हुए है कि कैसे किसानों के चूल्हे की आग मंे इजाफा कराया जा सके। वहीं दूसरी ओर इस कार्य को करते हुए अपनी हजारों एकड जमीन को बंजर होते हुए भी देख रहे है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ खण्डपीठ सुप्रीम कोर्ट के लगातार चक्कर लगा रहे वीएम सिंह अकेले ही सैंकडों अरबों खरबों के मालिक मिल मालिकों के खिलाफ चट्टान की तरह अडे हुए है और मिल मालिकों के तमाम हथकंडों के बावजूद किसान हितों में न्यायालय से आदेश कराने में सफल हो रहे है।
वक्ताओं ने कहा कि वीएम सिंह अब तक अरबों रूपये मिल मालिकों के जबडों से खिंचकर किसानों के घरों तक पहुंचाने का काम कर चुके है। सरकारे भी मिल मालिकों के साथ खडी दिखाई देती है। वहीं कई किसान संगठन भी केवल औपचारिकताएं ही पूरी करते हुए मिल मालिकों से सुविधाएं प्राप्त कर अपने घरों को ऊंचा उठाने में लगे रहते है।
वक्ताओं ने कहा कि वीएम सिंह ने जिस प्रकार किसानों को ब्याज सहित पैसा दिलाने का रास्ता प्रशस्त किया वहीं उनकी आरसी भी रूकवाये जाने का कार्य किया वह बेमिशाल है। इससे करोडों गन्ना किसानों को लाभ होगा। वक्तााओं ने मौजूदा न्याय पालिका का भी आभार प्रकट किया।
यह भी तय किया गया कि जनपद में जल्द ही एक बडी जनसभा का आयोजन कर वीएम सिंह को सम्मानित किया जायेगा। उक्त कार्यक्रम में पूर्व जनरल वीके सिंह को भी बुलाया जायेगा और जय जवान जय किसान के नारे को मूर्त रूप दिया जायेगा। यह भी तय किया गया कि जनपद से एक प्रतिनिधि मंडल दस अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में रामदेव के आंदोलन को समर्थन करने जा रहे वीएम सिंह के साथ मौजूद रहेगा।
बैठक का संचालन तेजराम राठी ने किया। वहीं अध्यक्षता विकास बालियान ने की। बैठक में रणवीर सिंह कुटबा, परवेन्द्र कुटबा, राजन राठी, सतेन्द्र सिंह, संदीप भोपा, यशपाल सिंह रहमतपुर, विराज तोमर, योगेन्द्र कुडाना, विरेन्द्र भोकरहेडी, नरेश त्यागी दिनकरपुर, नन्दकिशोर बरवाला आदि शामिल थे।
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