नई दिल्ली. सात बार टूर डी फ्रांस के चैंपियन रहे साइकलिस्ट लांस आर्मस्ट्रॉन्ग ने उन पर लगे डोपिंग के आरोपों के खिलाफ अपनी लड़ाई खत्म करने का फैसला किया है। उनके इस निर्णय के बाद उनके सभी सात टूर डी फ्रांस टाइटल्स (पदक) छीन लिए जाएंगे और अब वे आगे साइकिल प्रतियोगिताओं में भाग भी नहीं ले सकेंगे। अमरीका की एंटी डोपिंग एजेंसी (यूएसएडीए) ने इस संबंध में घोषणा कर दी है। यूएसएडीए का कहना है कि लांस 1996 से प्रतिबंधित दवाएं ले रहे थे और उन्होंने साइकिल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों में भी डोपिंग को बढ़ावा दिया।
लांस पर रेस में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित दवाओं (ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने वाली दवा व स्टीरॉयड्स) का सेवन करने का आरोप है। वह खुद को पूरी तरह निर्दोष बताते हैं। लेकिन उनका कहना है कि 10 साल से इस मामले में अपना पक्ष रखते-रखते वह थक चुके हैं और अब अपने बचाव की लड़ाई बंद करना चाहते हैं क्योंकि इससे उन्हें और उनके परिवार को काफी दुख पहुंच रहा है।
आर्मस्ट्रॉन्ग ने कहा "हर इंसान की जिंदगी में एक ऐसा पल आता है जब वह हार मान लेता है। अब मैं भी टूट चुका हूं और ऐसे पक्षपाती सिस्टम से मैं नहीं लड़ सकता।"
आर्मस्ट्रॉन्ग ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, "मुझे लगता है कि अब समय आ गया है जब मुझे पीछे हट जाना चाहिए। मैं लंबे समय से खुद पर लगे झूठे आरोपों के खिलाफ लड़ रहा था। उन्हें लगता है कि मैंने सात बार टूर डी फ्रांस का खिताब गलत दवाओं का सहारा लेकर जीता, तो यही सही।"
आर्मस्ट्रॉन्ग ऐसे चैंपियन एथलीट हैं जिन्होंने कैंसर से लड़ाई जीतने के बाद वर्ल्ड रिकॉर्ड्स अपने नाम किए। इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार युवराज सिंह आर्मस्ट्रॉन्ग को अपना आदर्श मानते हैं। पिछले एक साल कैंसर से जूझते हुए युवी ने लांस से ही प्रेरणा लेकर अपनी लड़ाई लड़ी।
लांस पर रेस में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित दवाओं (ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने वाली दवा व स्टीरॉयड्स) का सेवन करने का आरोप है। वह खुद को पूरी तरह निर्दोष बताते हैं। लेकिन उनका कहना है कि 10 साल से इस मामले में अपना पक्ष रखते-रखते वह थक चुके हैं और अब अपने बचाव की लड़ाई बंद करना चाहते हैं क्योंकि इससे उन्हें और उनके परिवार को काफी दुख पहुंच रहा है।
आर्मस्ट्रॉन्ग ने कहा "हर इंसान की जिंदगी में एक ऐसा पल आता है जब वह हार मान लेता है। अब मैं भी टूट चुका हूं और ऐसे पक्षपाती सिस्टम से मैं नहीं लड़ सकता।"
आर्मस्ट्रॉन्ग ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, "मुझे लगता है कि अब समय आ गया है जब मुझे पीछे हट जाना चाहिए। मैं लंबे समय से खुद पर लगे झूठे आरोपों के खिलाफ लड़ रहा था। उन्हें लगता है कि मैंने सात बार टूर डी फ्रांस का खिताब गलत दवाओं का सहारा लेकर जीता, तो यही सही।"
आर्मस्ट्रॉन्ग ऐसे चैंपियन एथलीट हैं जिन्होंने कैंसर से लड़ाई जीतने के बाद वर्ल्ड रिकॉर्ड्स अपने नाम किए। इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार युवराज सिंह आर्मस्ट्रॉन्ग को अपना आदर्श मानते हैं। पिछले एक साल कैंसर से जूझते हुए युवी ने लांस से ही प्रेरणा लेकर अपनी लड़ाई लड़ी।
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