New Delhi. खानों के आवंटन व विकास की जांच कर रहे अंतर मंत्रालयी समूह ने आज दो और खानों का आवंटन निरस्त करने की सिफारिश की है। समूह अब तक कुल मिलाकर 13 खानों का आवंटन निरस्त करने की सिफारिश कर चुका है। जिन कंपनियों की खानों का आवंटन रद्द करने की आज सिफारिश की गई है उनमें से एक कंपनी वह भी है जिसमें पूर्व कंपनी कार्य मंत्री प्रेम चंद गुप्ता के पुत्र निदेशक के रूप में जुड़े हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, 'आईएमजी ने दो कोयला खानों का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की है जिनमें ग्रासिम इंडस्ट्रीज व इलेक्ट्रोथर्म को आवंटित भास्करपाड़ा तथा आईएसटी स्टील एंड पावर, गुजरात अंबुजा सीमेंट तथा लाफार्ज इंडिया को संयुक्त रूप से आवंटित दाहेगांव मरकारधोकरा-चार शामिल है।' पूर्व मंत्री गुप्ता के बेटे गौरव गुप्ता आईएसटी स्टील एंड पावर में निदेशक हैं। इस कंपनी की दाहेगांव मरकारधोकरा खान में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी है। दाहेगांव मरकारधोकरा-चार खान उक्त तीनों कंपनियों को संयुक्त रूप से जून 2009 में आवंटित की गई थी। इस खान में कुल मिलाकर 4.884 करोड़ टन का निकाले जाने योग्य भंडार है। दूसरी खान भास्कपाड़ा इलेक्ट्राथर्म इंडिया लिमिटेड तथा ग्रासिम इंडस्ट्रीज को संयुक्त रूप से 21 नवंबर 2008 को स्पांज आयरन परियोजना के लिए आवंटित की गई थी। इसकी क्षमता 1.867 करोड़ टन आंकी गई है।
सूत्रों ने कहा कि दोनों खान छत्तीसगढ़ में हैं और कैग ने अपनी रपट में इनका ज्रिक था। कैग का कहना था कि 57 खानों की ब्रिकी बिना नीलामी के की गई जिससे निजी कंपनियों को 1.86 लाख करोड़ रुपये का अनुचित फायदा पहुंचा। सूत्रों के अनुसार समूह ने निजी कंपनियों को आवंटित 29 खानों की जांच समीक्षा पूरी कर ली है। समूह सार्वजनिक कंपनियों को आवंटित 29 खानों की समीक्षा का काम नौ अक्तूबर से शुरू कर सकता है। समूह ने निजी कंपनियों को आवंटित 13 खानों का आवंटन निरस्त करने तथा 14 खानों की बैंक गारंटी में कटौती की सिफारिश की है। निर्धारित समय में विकास नहीं कर पाने के लिए कुल मिलाकर 58 खान आवंटियों को नोटिस जारी किया गया था। सरकार ने इन खानों के विकास कार्य की समीक्षा के लिए जुलाई में अंतर मंत्रालयी समूह गठित किया।
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