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Friday, September 21, 2012

बंद से देश को हुआ आर्थिक नुकसान: सरकार

New Delhi. सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़े सुधारों के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और बंद की आलोचना करते हुए इस विरोध के पीछे शामिल दलों पर आर्थिक नुकसान करने का आरोप लगाया। सरकार ने इसके साथ ही सुधारों से पीछे हटने की संभावनाओं को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि देश को व्यापक सुधारों की जरूरत है। इस बीच वरिष्ठ मंत्रियों ने स्पष्ट किया है कि सरकार की स्थिरता को कोई खतरा नहीं है भले ही तृणमूल कांग्रेस कल ही हट जाये और उसने नये सहयोगियों की तलाश का संकेत दिया है।
उन्होंने जोर देकर कहा है कि आठ गैर-संप्रग दलों तथा राजग द्वारा आयोजित इस हड़ताल का आर्थिक नुकसान के अलावा और कोई असर नहीं है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, 'इस हड़ताल का शुद्ध प्रभाव बड़ा आर्थिक नुकसान है। अगर आप विरोध करते हैं, आपको इस तरीके से विरोध नहीं करना चाहिए कि आर्थिक नुकसान हो।' सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि सीमित विरोध सही है लेकिन यह इतना नहीं होना चाहिए कि आम लोगों के हितों को ''नुकसान पहुंचाने'' वाला हो जाए।
विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने स्पष्ट किया कि सरकार खुदरा क्षेत्र में एडीआई के फैसले को वापस नहीं लेगी। उन्होंने कहा, 'हमने मानवीय चेहरे के साथ सुधार लाने का प्रयास किया है। कृपया यह नहीं पूछें कि क्या हम मानवीय चेहरे को बदलने जा रहे हैं। मानवीय पक्ष बना रहेगा।' उन्होंने कहा कि देश को मजबूत आर्थिक वृद्धि देने के लिए सरकार सुधारों पर जोर दे रही है और अगर विपक्ष उसे (वृद्धि) कमजोर करता है तो हम इसे इस तरह हासिल नहीं कर पायेंगे जैसा उन्होंने आज किया। हड़ताल के बारे में उन्होंने कहा कि दलों ने अपनी राय रख दी है, उन्होंने अपना विरोध दिखा दिया, चलो अब कारखानों में चलें, दुकानों में लौटें, स्कूल जायें और काम पर लौटें।
स्थिरता के पहलू पर चिदंबरम ने कहा, 'हमारे पास आज काफी दोस्त हैं, हमारे पास कल भी काफी दोस्त थे, इसलिए मुझे तो कोई कारण नजर नहीं आता कि आप हमारी स्थिरता पर संदेह करें।' सरकार द्वारा नये सहयोगियों की तलाश के सवाल पर चिंदबरम ने कहा, 'अगर हम नये दोस्त ले सकते हैं तो हमें नये दोस्त क्यों नहीं लेने चाहिएं ?' वहीं सोनी ने कहा कि सरकार स्थिर है क्योंकि उसके पास 545 सदस्यों की लोकसभा में 300 से अधिक सदस्यों का समर्थन है।
चिदंबरम ने हड़ताल की आलोचना करते हुए कहा कि इससे आर्थिक नुकसान हुआ है और कामगारों को नुकसान हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा, 'लोकतंत्र में हम सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन के विपक्ष के अधिकारों का आदर करते हैं। लेकिन आप सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं जो अर्थव्यवस्था से जुड़ा है।'
sabhar प्रभासाक्षी 

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