नई दिल्ली. आर्थिक सुधारों के एजेंडे पर तेजी से बढ़ रही केंद्र सरकार की कोशिशों को आज कांग्रेस पार्टी ने 'ग्रीन सिग्नल' देते हुए साफ कर दिया है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। इसका मतलब है कि अब सरकार उन क्षेत्रों में भी आर्थिक सुधार और विदेशी निवेश को लेकर फैसले लेगी, जहां पर वह अभी तक ठिठकी हुई थी। इनमें पेंशन और बैंकिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
पर्दे के पीछे भी पार्टी ने आर्थिक सुधार और विकास के पहिए को तेजी से दौड़ाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों में यह कहा गया है कि यूपीए सरकार ने नॉर्थ ब्लॉक से हाल ही में रिटायर हुए एक शीर्ष पूर्व नौकरशाह को 5 करोड़ रुपये का पारिश्रमिक देकर 'रिटेनर' बनाया है। इस पूर्व नौकरशाह को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह सरकार और पार्टी से जुड़े राजनीतिक मुद्दों पर ध्यान देने के अलावा, उन गांवों-कस्बों की पहचान करें जहां ज़मीन अधिग्रहण का काम किया जा सकता है। इसके अलावा इस पूर्व अधिकारी का काम राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ लाइजनिंग करना और जमीन की खरीद के सौदे करवाना भी है। 'रिटेनर' बनाए गए पूर्व अधिकारी से यह भी कहा गया है कि वह खुदरा बाज़ार में विदेशी निवेश के मुद्दे पर लॉबिंग कर विपक्षी दलों को राजी करें। 'रिटेनर' से यह भी कहा गया है कि वह एफडीआई के मुद्दे पर मीडिया में सकारात्मक छवि पेश करवाएं।
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