नई दिल्ली. पीएम ने कहा था कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते। इस सनातम सत्य की दुर्लभ व्याख्या पर तो आप रीझ गये होंगे। लेकिन जरा मंदी की कलम से लिखी गई मंत्रियों के मौज की कहानी को पढ़िए। सरकार के लिए तो पैसे पेड़ पर ही उगते हैं। कम से कम आरटीआई के तहत मिली दो जानकारियां तो यही कहती हैं। यूपीए सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित डिनर में हर थाली का खर्च आया करीब आठ हजार रुपए। यही नहीं मंत्रियों के विदेश दौरों पर खर्च भी 2011-12 में 12 गुना तक बढ़ गया। महंगाई का रोना केंद्र सरकार हर पल रोती है। कांग्रेस का हाथ आद आदमी के साथ का प्रचार जोर शोर से चलता है। आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश शर्मा ने 22 मई की डिनर पार्टी के खर्च की जानकारी मांगी थी। उन्हें बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास पर हुए डिनर का इंतजाम सत्कार संस्था के पास था। करीब 603 मेहमान बुलाए गए। इनमें से 375 ही आए। कैटरिंग पर खर्च हुआ 11 लाख 34 हजार 296 रुपए। शामियाने पर 14 लाख 42 हजार 678 रुपए। फूलों के इंतजाम पर 26 हजार 444 रुपए। यानी कुल खर्च 28 लाख 95 हजार 503 रुपए। इसका भुगतान केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग और विदेश मंत्रालय के सत्कार-अनुदान से किया गया।परोसे गए 56 भोग डिनर में मेहमाननवाजी के लिए वेज-नॉन वेज दोनों व्यंजन थे। डिनर से पहले भी तरबूज का रस, नारियल पानी, आम का पना, जलजीरा और फ्रूट पंच के साथ भुने हुए काजू और बादाम। कुल 56 पकवान मेहमाननवाजी के लिए शामिल थे। विदेश यात्राओं पर पिछले साल 678 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले साल 678 करोड़ 52 लाख रुपए विदेश यात्राओं पर खर्च किए। वर्ष 2010-11 में ऐसी यात्राओं पर 56 करोड़ 16 लाख रुपए खर्च हुए थे। मतलब इस बार खर्च 12 गुना बढ़ गया। जबकि बजट में इसके लिए सिर्फ 46 करोड़ 95 लाख रुपए ही रखे गए थे। आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाषचंद्र अग्रवाल ने यह जानकारी निकाली है। गृह मंत्रालय ने उन्हें जानकारी मुहैया कराई। सबसे ज्यादा दौरे विदेश मंत्री एसएम कृष्णा (15) ने किए। फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (14), वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा (आठ) और पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय (पांच) का नाम आता है।
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