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Wednesday, September 26, 2012

दो बीघा जमीन ने ले ली नौ दलितों की जान

सहारनपुर (अलर्ट न्यूज)। दो बीघा जमीन को लेकर चला आ रहा खूनी संघर्ष लालवाला गांव में अब तक नौ दलितों को मौत का निवाला बना चुका है। शातिर मनोज की गैंगवार में हुई हत्या के बाद इस परिवार में केवल सोनू ही शेष बचा है जिसे न्यायालय द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के थाना देवबंद कोतवाली से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित लालवाला गांव में दलित हरदेवा के दो पुत्र राजपाल व डा. राजवीर थे। दोनों सगे भाईयों में दो बीघा जमीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया था जिसमें 3 जून 2001 को राजपाल के पुत्र मनोज ने अपने साथियों के साथ सगे चाचा डा. राजवीर सिंह एवं उसके पुत्र आशीष व मनीष के साथ ही साले विनोद की घर में घुसकर चाकुओं से गोदकर निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी। इस नृशंस हत्या का मामला मृतक राजवीर की पत्नी पुष्पलता उर्फ गुड्डी ने राजपाल, मनोज, सोनू, उमेश, नरेंद्र, दिनेश, तेजपाल, शिवपाल व सुनील के विरुद्ध कोतवाली में दर्ज कराई थी जिसमें न्यायालय ने विगत 31 मार्च 2004 को मनोज, सोनू, उमेश, तेजपाल व नरेंद्र को फांसी तथा दिनेश, शिवपाल व सुनील को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मनोज के पिता राजपाल की मुकदमे के दौरान कारगार में ही स्वाभाविक मौत हो गयी थी। इसके बाद इसी कड़ी में विगत 22 मई 2008 को डा. राजवीर के गवाह राम सिंह के पुत्र प्रमोद को खेत में शातिर मनोज पक्ष के लोगों ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गयी थी। खूनी संघर्ष का सिलसिला यहीं नहीं रूका और इन हत्याओं की पैरवी कर रहे राम सिंह के दूसरे लड़के लालचंद की 25 जून 2009 में हरिद्वार में हत्या कर दी गयी। उसके बाद वर्ष 2010 में गवाह रामसिंह को भी मनोज पक्ष ने मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद 26 अप्रैल 2012 को राम सिंह पक्ष के इंद्रजीत को बाला सुंदरी मेले के दौरान बाबूपुर नगली रोड पर गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था।

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