सरदार वीएम सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने हकों की लडाई को आगे बढाये
सचिन धीमान
बिजनौर (अलर्ट न्यूज)। मेजर हिमांशु ने किसान महापंचायत में उपस्थित किसानांे को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिरण के पेट में कस्तूरी पर उदाहरण देते हुए किसानों से प्रश्न किया कि फसल के दाम कौन तय करता है किसानों के बीच से आवाज आयी कि जिसे पता नहीं। फसलों का सर्वे कौन कराता है। किसानों से बीच से आवाज आयी कि पैसे देकर नौकरी करने वाले दलाल। अन्त में सवाल किया कि यदि सरकार नालायक है तो आप नालायक सरकार क्यों चुनते है। उन्होंने कहा कि नालायक आदमी ही नालायक आदमी को पसंद करता है। उन्होंने कहा कि समाधान समस्या का आपके पास है ओर समस्या भी आप ही है। नालायक सरकार और नालायक आदमी हम चुनते है और फिर हम चारों ओर घूमते है कि फसलों के दाम मिल जाये हमारे बच्चों को अच्छे स्कूलों में एडमिशनमिल जाये। अन्त में एक बात और कहीं कि बस में एक सवाल लिखा होता है कि अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करे और जेब कतरों से सावधान! उन्होंने कहा कि 70 फीसदी जिस देश में जनता कृषि पर निर्भर होती है उस देश का भला किसानों का हिता होना जरूरी है परंतु इस देश में किसान ही सरकार के हाथों पीस रहा है किसानों की आवाज सरकार द्वारा कुचली आ रही है। उन्होंने कहा कि यदि कलम ऐसे हाथों में थमा दो कि जो ईमानदार हो और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला हो तो किसानों को 500 रूपये प्रति कुन्तल का गन्ने का रेट स्वयं ही मिल जायेगा। किसानों को आंदोलन करने की जरूरत नही पडेगी। उन्होंने सही व ईमानदार व्यक्ति को चुनाव में जीताकर विधानसभा व लोक सभा में पहुंचाने का आवाहन करते हुए सरदार वीएम सिंह के हाथों में मजबूत करने की बात कही। यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपको गन्ने का रेट आज भी वहीं मिलेगा जो आपके पिछले 60 सालों से मिलता आ रहा है। मेजर हिमांश ने किसानों को जातपाट में बंटकर वोट देने पर भी नसियत देते हुए सही व्यक्ति को चुनाव में जीताने का आवाहन किया। उन्होंने किसानो से कहा कि लडाई आपकी ये है कि छोडा बोझ उठाते हुए अपनी लडाई लडने के लिए सरदार वीएम सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलकर चले।
बिजनौर (अलर्ट न्यूज)। मेजर हिमांशु ने किसान महापंचायत में उपस्थित किसानांे को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिरण के पेट में कस्तूरी पर उदाहरण देते हुए किसानों से प्रश्न किया कि फसल के दाम कौन तय करता है किसानों के बीच से आवाज आयी कि जिसे पता नहीं। फसलों का सर्वे कौन कराता है। किसानों से बीच से आवाज आयी कि पैसे देकर नौकरी करने वाले दलाल। अन्त में सवाल किया कि यदि सरकार नालायक है तो आप नालायक सरकार क्यों चुनते है। उन्होंने कहा कि नालायक आदमी ही नालायक आदमी को पसंद करता है। उन्होंने कहा कि समाधान समस्या का आपके पास है ओर समस्या भी आप ही है। नालायक सरकार और नालायक आदमी हम चुनते है और फिर हम चारों ओर घूमते है कि फसलों के दाम मिल जाये हमारे बच्चों को अच्छे स्कूलों में एडमिशनमिल जाये। अन्त में एक बात और कहीं कि बस में एक सवाल लिखा होता है कि अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करे और जेब कतरों से सावधान! उन्होंने कहा कि 70 फीसदी जिस देश में जनता कृषि पर निर्भर होती है उस देश का भला किसानों का हिता होना जरूरी है परंतु इस देश में किसान ही सरकार के हाथों पीस रहा है किसानों की आवाज सरकार द्वारा कुचली आ रही है। उन्होंने कहा कि यदि कलम ऐसे हाथों में थमा दो कि जो ईमानदार हो और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला हो तो किसानों को 500 रूपये प्रति कुन्तल का गन्ने का रेट स्वयं ही मिल जायेगा। किसानों को आंदोलन करने की जरूरत नही पडेगी। उन्होंने सही व ईमानदार व्यक्ति को चुनाव में जीताकर विधानसभा व लोक सभा में पहुंचाने का आवाहन करते हुए सरदार वीएम सिंह के हाथों में मजबूत करने की बात कही। यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपको गन्ने का रेट आज भी वहीं मिलेगा जो आपके पिछले 60 सालों से मिलता आ रहा है। मेजर हिमांश ने किसानों को जातपाट में बंटकर वोट देने पर भी नसियत देते हुए सही व्यक्ति को चुनाव में जीताने का आवाहन किया। उन्होंने किसानो से कहा कि लडाई आपकी ये है कि छोडा बोझ उठाते हुए अपनी लडाई लडने के लिए सरदार वीएम सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलकर चले।
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