अश्कों की तिजारत का हुनर भी नहीं सीखे
हम तुम तो सियासत का हुनर भी नहीं सीखे
इक उम्र से यारों के निशाने पे हैं लेकिन
हम अपनी हिफाजत का हुनर भी नहीं सीखे
जीना भी यहीं है हमें मरना भी यहीं है
इस जिद में बगावत का हुनर भी नहीं सीखे
पैसा भी कमाना नहीं आया तुम्हें साहिल
खर्चों में किफायत का हुनर भी नहीं सीखे
अशोक साहिल
हम तुम तो सियासत का हुनर भी नहीं सीखे
इक उम्र से यारों के निशाने पे हैं लेकिन
हम अपनी हिफाजत का हुनर भी नहीं सीखे
जीना भी यहीं है हमें मरना भी यहीं है
इस जिद में बगावत का हुनर भी नहीं सीखे
पैसा भी कमाना नहीं आया तुम्हें साहिल
खर्चों में किफायत का हुनर भी नहीं सीखे
अशोक साहिल
No comments:
Post a Comment