Pages

Sunday, August 26, 2012

महिला मन से मजबूत है पुरूष मन से मजबूत नहीं हैः एस.के. वर्मा

बेटी बचाओं देश बचाओं कार्यक्रम में बोलते हुए मुरादाबाद के मंडलायुक्त सुरेन्द्र कुमार वर्मा

सचिन धीमान
मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज) महिला मन से मजबूत है पुरूष मन से मजबूत नहीं है। भ्रूण हत्या रोकना जनजागरण की आवश्यकता है जो समाज का दायित्व है। भ्रण हत्या रोकने के लिए सोच बदलने की जरूरत है।  सोच बदलों कार्य बदल जायेंगे। यदि सोच बदल गयी तो भ्रूण हत्या अपने समाप्त हो जायेगी। उक्त भ्रूण हत्या पर आयोजित बात बेटी बचाओं देश बचाओं कार्यक्रम में बोलते हुए मुरादाबाद के मंडलायुक्त सुरेन्द्र कुमार वर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही।
लोकराज फाउण्डेशन के तत्वाधान में सरस्वती माँ शिक्षा निकेतन पब्लिक स्कूल जनपद के ग्राम मखियाली में भ्रूण हत्या पर आयोजित बेटी बचाओं देश बचाओं संगोष्ठि में जनपद मुजफ्फरनगर की तहसील सदर क्षेत्र के ग्राम जडौदा के मुखिया किसान परिवार में जन्मे मुरादाबाद के मण्डलायुक्त एस.के. वर्मा रविवार को मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। संगोष्ठि को सम्बोधित करते हुए मण्डलायुक्त सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि भ्रण हत्या रोकने हेतु सबसे पहले सोच बदलने की जरूरत है। यदि सोच बदलेगी तो हम बदलेंगे और हम बदल गये तो कार्य बदल जायेंगे और यदि कार्य बदल गये तो भू्रण हत्या अपने आप समाप्त हो जायेगी। उन्होंने कहा कि भ्रण हत्या जन जागरण की आवश्यकता है जो हमारा दायित्व ही नहीं बल्कि समाज का दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल बनी जो एक महिला थी। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री  मायावती एक महिला ही थी। अनेक आज देश के अंदर कई महिला मुख्यमंत्री है और देश को चलाने में अपना योगदान दे रही है। आज उदाहरण इसलिए देने पड रहे है। कहने की आवश्यकता क्यों आ गई है। हम पुरूष प्रधान देश में एक हजार पुरूषों को भूल नहीं पा रहे है। बेटी कहने को है परंतु बेटियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। क्यों कमी आ रही है। क्योंकि हमने उसको सदा उसी नजर से देखा है। यह कमी हमारे कमजोर मन से आयी है। उन्होंने कहा कि महिला मन से स्टोन होती है और पुरूष मन से कमजोर होता है। उन्होंने इस पर उदाहरण देते हुए कहा कि यदि महिला रसोई में रोटी बनाते हुए एक बार जल भी जाती है तो वह फिर भी काम करती रहती है और अपने काम को नहीं छोडती है। लेकिन यदि पुरूष को थोडा सा भी बुखार आ जाता है तो वह तुरंत अपने सारे काम छोडकर घर में पड जाता है। उन्होंने कहा कि महिला संवेदनशील है  कमी समाज की संरचना में है। सामाजिक संरचरना बिडगी र्हुइ  है। उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन लिंगानुपात काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि संरचना परिवर्तन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत में लिंगानुपात स्वतंत्रता के समय भी बहुत कम था तथा धीरे-धीरे इसमें परिवर्तन हुआ और लिंगानुपात में कुछ बढोत्तरी हुई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात एक हजार पुरूषों पर 893 महिलाएं थी तथा वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात एक हजार पुरूषों पर 907 महिलाओं है। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि वह लडके व लडकी में भेदभाव ना रखें  लडकी व लडका एक ही है। अन्त में उन्होंने कहा कि कौन कहता है आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर को सिद््दत से उछालों तो यारो।
उन्होंने कहा कि यह हमारा एक छोटा सा प्रयास है जो सफल हो रहा है और आपके सहयोग से आगे भी सफल होगा।
इस दौरान कार्यक्रम में विकास बालियान मंडल संयोजक राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन, चौ. युद्धवीर सिंह, ब्रजवीर सिंह, डा. उदयवीर सिंह, डा. वीरपाल निर्वाल, डा. एस.के काकरान, आकाश राठी, शहर काजी जहीर आलम, सूबेदार रणधीर सिंह, डा. सीमा मलिक, डी.डी.सी. आर.एम. धामा, हरीश राठी (बब्बू भाई), प्रवेश पहलवान, सूरजवीर सहरावत जडौदा, विजय सहरावत जडौदा, सुनिल मलिक (काका), योगेन्द्र सहरावत पूर्व प्रधान नौना सहित आदि हजारों की ंसंख्या में महिलाएं पुरूष व स्कूल के छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।
कार्यक्रम के बाद कमीशनर सुरेन्द्र कुमार अर्जुन अवार्ड से सम्मानित पहलवान अनुज के ग्राम बढेडी गये जहां पर पहलवान अनुज एवं अन्य ग्रामीणों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान पहलवान अनुज द्वारा कमीशनर सुरेन्द्र सिंह से मांग की कि वह ग्राम में जगह उपलब्ध कराने को तैयार है यदि सरकार उनकेे ग्राम में स्पोर्ट एकेडमी खोलने की पहल करती है। हरियाणा की तरज पर ग्रामों में स्पोटर्स एकेडमी होने चाहिए जिससे प्रदेश में खेलों को बढावा मिल सके।

No comments:

Post a Comment