मुजफ्फरनगर(अलर्ट न्यूज)। जनपद के तेजतर्रार एवं युवा जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने प्राथमिक विद्यालय के अलावा नगरपालिका परिषद व विकास भवन पर छापामारा। जिससे अधिकारियों व कर्मचारियों में हडकम्प मच गया। छापामार कार्यवाही के दौरान नगरपालिका में फाईलों के साथ छेडछाड कर रहे दो बाहरी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया लिया गया। छापामार कार्यायवाही के दौरान अनियमितताऐं पाये जाने पर गुस्साये जिलाधिकारी ने कईं लोगांे को जमकर लताड भी पिलाई।
गौरतलब है कि जनपद के तेज तर्रार एवं युवा जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने जनपद की कमान थामते ही समाज कल्याण विभाग सहित अनेक विभागों व कार्यालयों में चल रहे फर्जीवाडे व घोटालों से पर्दा उठाते हुए छापमार कार्यवाही कर जनपद की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त जनपद देने की कवायाद चल रखी है जिसमें जिलाधिकारी का चलाया जा रहा मिशन कामयाब भी हो रहा है। अब तो आलम यह है कि विभागों में कुर्सीयों पर बैठे बाबूओं व कर्मचारियों जिलाधिकारी की कार्यप्रणाली के कारण थर्रात दिखाई देते है कहीं जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह की नजर उनकी ओर न घूम आये ओर यदि घूम गयी तो उनकी खैर नहीं इसी कारण जनपद के कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त होता दिखाई दे रहा है। जिसके चलते नगर का आम नागरिक यह मानने लगा था कि अब उक्त विभागांे मे सभी कार्य ईमानदारी व पारदर्शिता के आधर पर होंगे तथा उंन्हे उचित न्याय मिल सकेगा। जिलाधिकारी की भ्रष्टाचार व भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ चलायी जा रही मुहिम शनिवार को उस समय एक बार फिर लोगों को देखने को मिली जब जिलाधिकारी ने अपने उक्त अभियान को गति देते हुए तहसील सदर के अन्तर्गत निकटवर्ती गांव अलमासपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय पर छापामारी कार्यवाही भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी के खिलापफ शुरू किए गए अभियान का श्री गणेश किया। शनिवार को जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह के अचानक प्राथमिक विद्यालय पहुंचने की सूचना से विद्यालय मे मौजूद स्टाफ मे अफरा-तफरी मच गई। जिलाधिकारी ने विद्यालय की पत्रावलियों व अन्य फाईलों का बारिकी से निरीक्षण किया तथा उचित साफ सफाई व व्यवस्था ना होने पर प्रधनाचार्य को जमकर लताड पिलाई। अलमासपुर विद्यालय के निरीक्षण के पश्चात जिलाधिकारी की नजर मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद की ओर घूम गयी ओर वह तुरंत नगर पालिका की ओर कूच कर गये। नगर पालिका पहुंचने पर उन्होने कुछ पत्रावलियों का निरीक्षण करने के साथ वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों से आवश्यक जानकारी हासिल की। कुछ सवालों का ठीक से जवाब ना दे पाने पर जिलाधिकारी गुस्से मे लाल पीले हो गए तथा उन्होंने पालिका अधिकारियों को लताड पिलाते हुए भविष्य मे ठीक प्रकार से काम करने की नसीहत दी। इसी के साथ डीएम ने छामापारी कार्यवाही के दौरान दो व्यक्तियों को हिरासत मे ले लिया। आरोप है कि उक्त बाहरी व्यक्ति पालिका की जरूरी फाईलों के साथ छेडछाड कर रहे थे। डीएम की इस कार्यवाही से कर्मचारियों मे हडकम्प मच गया। पालिका का निरीक्षण करने के बाद डीएम सुरेन्द्र सिंह का काफिला मेरठ रोड स्थित विकास भवन के लिए कूच कर गया। विकास भवन पहंुचकर जिलाधिकारी ने वहां मौजूद कई विभागांे का निरीक्षण किया। बताया जाता है कि निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सबसे अधिक समय पिछले कुछ समय से चर्चाआंे का केन्द्र बने समाज कल्याण विभाग की फाईलों की जांच मे बिताया। इस दौरान वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों में हडकम्प मचा रहा।
गौरतलब है कि जनपद के तेज तर्रार एवं युवा जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने जनपद की कमान थामते ही समाज कल्याण विभाग सहित अनेक विभागों व कार्यालयों में चल रहे फर्जीवाडे व घोटालों से पर्दा उठाते हुए छापमार कार्यवाही कर जनपद की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त जनपद देने की कवायाद चल रखी है जिसमें जिलाधिकारी का चलाया जा रहा मिशन कामयाब भी हो रहा है। अब तो आलम यह है कि विभागों में कुर्सीयों पर बैठे बाबूओं व कर्मचारियों जिलाधिकारी की कार्यप्रणाली के कारण थर्रात दिखाई देते है कहीं जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह की नजर उनकी ओर न घूम आये ओर यदि घूम गयी तो उनकी खैर नहीं इसी कारण जनपद के कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त होता दिखाई दे रहा है। जिसके चलते नगर का आम नागरिक यह मानने लगा था कि अब उक्त विभागांे मे सभी कार्य ईमानदारी व पारदर्शिता के आधर पर होंगे तथा उंन्हे उचित न्याय मिल सकेगा। जिलाधिकारी की भ्रष्टाचार व भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ चलायी जा रही मुहिम शनिवार को उस समय एक बार फिर लोगों को देखने को मिली जब जिलाधिकारी ने अपने उक्त अभियान को गति देते हुए तहसील सदर के अन्तर्गत निकटवर्ती गांव अलमासपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय पर छापामारी कार्यवाही भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी के खिलापफ शुरू किए गए अभियान का श्री गणेश किया। शनिवार को जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह के अचानक प्राथमिक विद्यालय पहुंचने की सूचना से विद्यालय मे मौजूद स्टाफ मे अफरा-तफरी मच गई। जिलाधिकारी ने विद्यालय की पत्रावलियों व अन्य फाईलों का बारिकी से निरीक्षण किया तथा उचित साफ सफाई व व्यवस्था ना होने पर प्रधनाचार्य को जमकर लताड पिलाई। अलमासपुर विद्यालय के निरीक्षण के पश्चात जिलाधिकारी की नजर मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद की ओर घूम गयी ओर वह तुरंत नगर पालिका की ओर कूच कर गये। नगर पालिका पहुंचने पर उन्होने कुछ पत्रावलियों का निरीक्षण करने के साथ वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों से आवश्यक जानकारी हासिल की। कुछ सवालों का ठीक से जवाब ना दे पाने पर जिलाधिकारी गुस्से मे लाल पीले हो गए तथा उन्होंने पालिका अधिकारियों को लताड पिलाते हुए भविष्य मे ठीक प्रकार से काम करने की नसीहत दी। इसी के साथ डीएम ने छामापारी कार्यवाही के दौरान दो व्यक्तियों को हिरासत मे ले लिया। आरोप है कि उक्त बाहरी व्यक्ति पालिका की जरूरी फाईलों के साथ छेडछाड कर रहे थे। डीएम की इस कार्यवाही से कर्मचारियों मे हडकम्प मच गया। पालिका का निरीक्षण करने के बाद डीएम सुरेन्द्र सिंह का काफिला मेरठ रोड स्थित विकास भवन के लिए कूच कर गया। विकास भवन पहंुचकर जिलाधिकारी ने वहां मौजूद कई विभागांे का निरीक्षण किया। बताया जाता है कि निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सबसे अधिक समय पिछले कुछ समय से चर्चाआंे का केन्द्र बने समाज कल्याण विभाग की फाईलों की जांच मे बिताया। इस दौरान वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों में हडकम्प मचा रहा।
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