नई दिल्ली। मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी (पढि़ए, इसके 10 नफा-नुकसान) सहित हाल में लिए गए कड़े फैसलों का बचाव करते हुए पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते। हालांकि एफडीआई सहित केंद्र सरकार के कुछ फैसलों से गुस्साईं ममता बनर्जी के मंत्रियों ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया है। ताजा हालात पर चर्चा के लिए कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पीएम मनमोहन सिंह की अलग से एक बैठक भी हुई है। तृणमूल नेता मुकुल रॉय ने एफडीआई के मसले पर संसद में वोटिंग कराए जाने की मांग की है। यूपीए से समर्थन वापसी के ममता बनर्जी के फैसले से बौखलाई कांग्रेस ने अब तृणमूल कांग्रेस पर पलटवार किया है। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल ने राज्य में तृणमूल की अगुवाई वाली सरकार से अलग होने का फैसला किया है। कांग्रेस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में रिटेल में एफडीआई की इजाजत नहीं दिए जाने से राज्य की अर्थव्यवस्था पर गंभीर परिणाम होंगे।
कांग्रेस ने यह भी कहा है कि तृणमूल कांग्रेस पहले खुद ही रिटेल में एफडीआई चाहती थी। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्या ने कहा कि 2011 में विधानसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणापत्र में एफडीआई का समर्थन किया था। हालांकि तृणमूल ने इसके जवाब में कहा कि ड्राफ्ट में ही एफडीआई की बात थी, फाइनल मेनिफेस्टो में नहीं।
इस बीच सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने सरकार को समर्थन देते रहने का ऐलान कर यूपीए को राहत दी है। उधर, सरकार ने भी लोगों के लिए थोड़ी राहत का ऐलान किया है। सपा, लेफ्ट, बीजेपी सहित कई पार्टियों के भारत बंद के बाद सरकार ने सातवें सिलेंडर पर टैक्स कटौती का ऐलान किया है, जिसके बाद यह करीब डेढ़ सौ रुपये सस्ता हो जाएगा
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