दुर्ग. यहां के जिला अस्पताल में एक महिला का प्रसव के दौरान कथित एमएमएस बनाने का मामला गरमा गया है। लगातार आरोपों से नाराज अस्पताल के डॉक्टर्स और कर्मचारी आक्रामक तेवर में आ गए हैं। शुक्रवार को वे हड़ताल पर चले गए। सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक अस्पताल में काम ठप रहा।
27 अगस्त को कैंप-1 भिलाई की शबनम बानो को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। प्रसव वार्ड में डॉक्टर समेत 11 लोग थे। शबनम की जेठानी खुर्शीद ने यह शिकायत की थी कि शबनम के प्रसव के दौरान वहां मौजूद अस्पताल के स्टाफ द्वारा मोबाइल से वीडियो क्लिपिंग तैयार की जा रही थी। इसका विरोध करने पर वहां मौजूद स्टाफ नर्स ने उनके साथ बदसलूकी की और धमकाया। मामले में 29 अगस्त को खुर्शीद की रिपोर्ट पर 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने उसी दिन 7 लोगों को सस्पेंड कर दिया। अब अस्पताल के डॉक्टर्स और कर्मचारी निलंबन का विरोध कर रहे हैं।
विरोध में दोनों स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन और डॉक्टर्स के संगठन एक हो गए हैं। शुक्रवार को चिकित्सा अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ व स्वास्थ्य एवं बहुद्देशीय कर्मचारी संघ ने एकजुट होकर जिला अस्पताल से रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए कलेक्टरेट पहुंचे। अस्पताल में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सभी निलंबित कर्मचारियों व इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स का निलंबन वापस नहीं लिया गया तो सोमवार को फिर रैली निकालकर विरोध करेंगे।
डॉक्टर्स और कर्मचारी दोपहर 12 बजे ड्यूटी पर लौटे। इस दौरान मरीजों को खासी परेशानी हुई। इमरजेंसी के लिए तैनात डॉक्टर्स ने सामान्य मरीजों की जांच न कर उन्हें बैरंग लौटा दिया। इस बीच प्रसव के लिए आईं दो मरीजों को भी सीधे लौटा दिया गया। डॉक्टर और कर्मचारी हड़ताल को जायज ठहरा रहे हैं (पढ़ें उनका वर्जन), वहीं सिविल सर्जन (पढ़ें इंटरव्यू) का कहना है कि आरोपों की जांच करवाई जा रही है और जल्द ही स्थिति साफ हो जाएगी।
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