नई दिल्ली. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) सुप्रीमो राज ठाकरे के निशाने पर एक बार फिर से बिहार के लोग हैं। उन्होंने बिहार के लोगों को 'घुसपैठिया' कहते हुए उन्हें महाराष्ट्र से बाहर करने की बात कहकर फिर से विवाद को जन्म दिया है। राज के ऐसे विवादित और भड़काऊ बयानों को सभी उनकी 'मराठी' राजनीति का आधार मानते हैं। अलग-अलग मकसद के लिए 'जहर' उगलने वाले चर्चित लोगों की भारत से लेकर विदेशों तक कोई कमी नहीं है। ऐसे लोग राजनीति ही नहीं, धर्म से लेकर आतंकवाद तक से जुड़े हैं।हाफिज मुहम्मद सईद: पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा का मुखिया हाफिज मुहम्मद सईद भारत का वांछित आतंकवादी है। हाफिज को 26 नवंबर, 2008 को हुए मुंबई हमले का 'मास्टरमाइंड' माना जाता है। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी। हाफिज सईद पर अमेरिका ने दस लाख डॉलर का ईनाम भी रख रखा है। जमात-उद-दावा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को संरक्षण देती है और आर्थिक मदद उपलब्ध करवाती है। हाफिज सईद पाकिस्तान में खुले आम भारत के खिलाफ बयान देता है। दिसंबर, 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के बाद हाफिज सईद को पाकिस्तान सरकार ने नजरबंद भी कर दिया था। हाफिज सईद पाकिस्तान में मुख्य तौर पर इस्लाम के नाम पर चंदा इकट्ठा कर उसे आतंकी गतिविधियों में लगवाता है। हालांकि हाफिज सईद कहता रहा है कि उसका लश्कर-ए-तैयबा या किसी भी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, आस्ट्रेलिया और रूस जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन मानते हैं जबकि पाकिस्तान में यह संगठन खुलकर सियासी गतिविधियां भी चला रहा है। हाफिज सईद ने हाल ही में लाहौर में एक रैली में कहा था, 'एक मुंबई हमला क्या है, हजार मुंबई हमले भी पाकिस्तान का दर्द कम नहीं कर सकते।'
मसूद अजहर: मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का मुखिया है। कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले लोगों में अजहर का नाम सबसे आगे है। भारतीय सुरक्षाबलों ने अजहर को 1994 में श्रीनगर में गिरफ्तार भी कर लिया था लेकिन 1999 में अजहर को छुड़ाने के लिए आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को हाईजैक कर लिया था। यात्रियों की रिहाई के बदले में भारत सरकार ने मसूद अजहर को छोड़ दिया था। 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने मसूद अजहर को नजरबंद कर दिया था लेकिन लाहौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद उसे फिर रिहा कर दिया गया। मसूद अजहर पाकिस्तान में खुलकर आतंकी गतिविधियां चलाता है और भारत के खिलाफ खुलकर बोलता है। मसूद अजहर भारत पर हमला करने के लिए पाकिस्तानी मुसलमानों के बीच खुलकर भड़काऊ भाषण देता है। मसूद अजहर ने उर्दू में जिहाद पर कई किताबें भी लिखी हैं और वह खुले आम जिहाद की शिक्षा भी देता है। मसदू अजहर के सैकड़ों भड़काऊ भाषण यूट्यूब और इंटरनेट वेबसाइटों पर मौजूद हैं। अपने भाषण में अजहर भारत का वजूद मिटाने की बात करता है। युवाओं को जिहाद के लिए प्रेरित करते हुए मसूद कहता है, 'हिंदुस्तान में मुसलमान औरतों और बच्चों पर जुल्म हो रहा है, इस जुल्म को रोकने के लिए और हिंदुस्तान की कमर तोड़ने के लिए हमले जरूरी हैं।'
साध्वी ऋतंभरा: विश्व हिंदू परिषद से जुड़ीं साध्वी ऋतंभरा मशहूर रामकथा वाचिका और साध्वी हैं। मूल रूप से पंजाब के कृषक परिवार से आने वाली ऋतंभरा मथुरा में 'वात्सल्यग्राम' नाम का आश्रम चलाती हैं जहां 'बेसहारा' लोगों को आश्रय दिया जाता है। लेकिन उनके व्यक्तित्व का दूसरा पहलू यह भी है कि वे अल्पसंख्यकों के खिलाफ खुलेआम भाषण देती रही हैं। 1992 में बाबरी विध्वंस से पहले साध्वी ने भड़काऊ भाषण दिेए थे। बाबरी विध्वंस के बाद भारत में कई राज्यों में दंगे हुए थे। इनमें कई लोगों की जान गई थी और हजारों करोड़ की संपत्ति स्वाहा हो गई थी। बाबरी विध्वंस मामले में साध्वी ऋतंभरा पर मामला भी दर्ज हुआ था, लेकिन उन्हें दोषी साबित नहीं किया जा सका। साध्वी ऋतंभरा 80 और 90 के दशक में चले राम मंदिर आंदोलन की सक्रिय सदस्य थीं। लेकिन विवादित ढांचे के गिरने के बाद से वे सक्रिय आंदोलन से दूर हो गईं। 1995 में ऋतंभरा को इंदौर में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने मदर टेरेसा को 'जादूगरनी' और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को 'आदमखोर' कहा था। ऋतंभरा के भड़काऊ भाषण के बाद कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस सिलसिले में 169 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। दिल्ली में हिंदू धर्म संसद को संबोधित करते हुए साध्वी ने कहा था, 'रामजन्मभूमि में मंदिर के निर्माण को कोई ताकत नहीं रोक सकती, हिंदुओं को अपनी खामोशी तोड़कर अब सिंह गर्जना करना चाहिए। महाकाल बनकर अब हम दुश्मन से टकराएंगे, जहां बनी है मस्जिद, मंदिर वहीं बनाएंगे।'
डॉ. प्रवीण तोगड़िया: पेशे से कैंसर सर्जन डॉ. प्रवीण तोगड़िया विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हैं। अपने पेशे से कम और अपने तीखे बयानों से अधिक पहचाने जाने वाले तोगड़िया पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़े कई मामले भी दर्ज हैं। हालांकि, मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में प्रवीण तोगड़िया कहते रहे हैं कि वे 'हिंदुत्व' के नाम पर हिंसा को बढ़ावा नहीं देते और न ही हिंसा का समर्थन करते हैं। तोगड़िया यह भी दावा करते हैं कि वे अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यूट्यूब पर उनके कई ऐसे भाषण मौजूद हैं जिनमें वे मदरसों पर ताले लगाने की बात कर रहे हैं। गोधरा कांड के बाद प्रवीण तोगड़िया ने कहा था कि हिंदुओं को गांधी के सिद्धांतों को ताले में बंद कर देना चाहिए और मुसलमानों को सबक सिखाना चाहिए। 1956 में गुजरात के एक गांव में जन्मे प्रवीण तोगड़िया 8 वर्ष की उम्र में ही पढ़ाई करने के लिए अहमदाबाद आ गए और 11 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। प्रवीण तोगड़िया आरएसएस में भी कई पदों पर रहे हैं। प्रवीण तोगड़िया की किताब 'तोगड़िया स्पीक्स' भी जल्द ही बाजार में आ रही है। हाल ही में अहमदाबाद में हुए विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन में तोगड़िया ने कहा, 'भारत में रह रहे मुसलमानों से वोटिंग अधिकार छीन लिए जाने चाहिए क्योंकि उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ महंगाई जिहाद, लव जिहाद और पेट्रोल जिहाद छेड़ रखा है। मदरसे जिहाद की तालीम दे रहे हैं इसलिए सभी मदरसे भी बंद किए जाने चाहिए। भारत हिंदुओं की भूमि हैं इसलिए सिर्फ हिंदू ही यहां के अग्रणी नागरिक हैं। हिंदुओं को अब अरब और वेटिकन की मुसलमानों और इसाइयों के धार्मिक स्थलों पर कब्जा कर लेना चाहिए।'
टेरी जोंस: अमेरिका के ईसाई धर्म प्रचारक टैरी जोंस खुलकर इस्लाम को चुनौती देते हैं। 1951 में जन्मे टेरी जोंस डव वर्ल्ड आउटरीच सेंटर, फ्लोरिडा के मुख्य पास्टर हैं। उन्होंने 'इस्लाम इज डेविल' नाम की किताब भी लिखी है। लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए जोंस कुरान तक जला चुके हैं। टेरी जोंस खुलकर इस्लाम के खिलाफ बोलते हैं। जोंस का मानना है कि इस्लाम हिंसा को बढ़ावा देता है और मुसलमान अमेरिका में भी शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। साल 2010 में कुरान को जलाने की घोषणा करने के बाद जोंस चर्चा में आए थे। जोंस ने कुरान की 200 प्रतियां जलाने की घोषणा की थी जिसकी दुनिभा भर में जबर्दस्त आलोचना हुई थी। जोंस के विरोध में दुनियाभर में हुए प्रदर्शनों में 20 लोगों की जान भी गई थी। विभिन्न धर्मों के विश्व नेताओं की अपील के बाद जोंस ने कुरान न जलाने का फैसला लिया था। हालांकि, 28 अप्रैल, 2012 को जोंस और उसके बीस सहयोगियों ने कुरान की प्रतियां जला दी थीं। टेरी जोंस खुले आम कहते हैं, 'इस्लाम शैतान हैं, इसका सर्वनाश होना चाहिए।' टेरी जोंस साल 2012 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवार हैं।
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