Pages

Saturday, September 22, 2012

अधिग्रहण से उत्‍पीडि़त किसानों ने बनाई ‘भूमि सेना’


आगरा। लगातार चार साल से कभी एक्‍सप्रेस वे तो कभी जेपी टाउनशिप से उत्‍पीडि़त किसानों ने अब ‘भूमि सेना’ बना ली है। नौजवानों का बलिदानी जत्‍था तैयार किया गया है। उन्‍हें मुकबला करने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसकी तैयारी पिछले तीन महीने से चल रही थी। लेकिन औपचारिक गठन 19 सितंबर को हुआ। इस दिन आगरा के आठ गांवों के 151 युवाओं की भर्ती की गई है
 इन आठ गांव की आबादी करीब 15 हजार है। घरों में असलहों के लाइसेंस की तादात करीब 300 हैं। मतलब कि हर 50 लोगों पर एक लाइसेंसी हथियार है। इसके अलावा गैर लाइसेंसी असलहों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। भूमि सेना में गढ़ीरामी, छलेसर, बंगारा, नत्‍थु का नगला, चौगान, नगला कलसी, बिहारीपुर, नगला गोला और कुबेरपुर के युवा शामिल किए गए हैं। इन गांवों के किसान भूमि सेना को महापंचायत में सामने लेकर आए। यह फैसला हुआ कि लगातार हर तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका नाम बलिदानी जत्‍था रखा गया ताकि वे जमीन बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहें। 
दरअसल, आगरा का यह इलाका देशभर में सबसे ज्‍यादा आलू उत्‍पादन के लिए मशहूर है। यहां की मिट्टी बेहद उपजाऊ है। इसलिए यहां के किसान सम्‍पन्‍न थे। पहले राष्‍ट्रहित का नाम देकर एक्‍सप्रेस वे की जमीन इनसे छीन ली गई। इसके बाद जेपी टाउनशिप के लिए आठ गांवों की 500 हेक्‍टेयर जमीन पर कब्‍जा कर लिया गया। मुआवजे की राशि मात्र 580 रुपए प्रति स्‍क्‍वायर मीटर मिली। इसी जमीन को जेपी ग्रुप 13189 रुपए प्रति मीटर बेच रहा है। इसके अलावा 3500 रुपए प्रति मीटर डेवलपमेंट चार्ज के रूप में लिया जा रहा है।
  किसान नेता मनोज कहते हैं कि यह सेना देश की सेवा में लगेगी। लेकिन पूजिंपतियों के लिए काम नहीं आएगी। इसी सेना के संरक्षण में गुरुवार को किसानों ने टाउनशिप के लिए ली गई जमीन पर ट्रैक्‍टर चला दिया। टाउनशिप की बैरियर तोड़ दी गई। इधर, एक्‍सप्रेस वे के बवाल पर नजर रख रहे एडीएम (आपूर्ति) प्रभांशु श्रीवास्‍तव का कहना है कि किसानों की मांगें सरकार की नीति से संबंधित है। इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि किसानों की हर हरकत को ध्‍यान में रखा जा रहा है। 
sabhar dainikbhaskar.com

No comments:

Post a Comment