दरअसल, दोपहर को कलाकृति के पीछे जुआ खेल रहे तीन लोगों को पुलिस ने पकड़ा था। इनमें से एक व्यक्ति रामू की लाश शाम को धांधुपुरा में मिली। उसके सिर पर चोट के निशान थे। परिजनों ने गांव वालों की सूचना दी। इसके बाद लोगों ने ताज व्यू होटल के पास फतेहाबाद रोड पर जाम लगा दिया। लोगों का गुस्सा पुलिस के खिलाफ था। उनका मानना था कि पुलिस की पिटाई से रामू की मौत हुई है। लोगों ने पुलिसवालों को गिरफ्तार करने की मांग की। लेकिन अफसर नहीं माने।
शाम करीब सात बजे पुलिस पहुंची और लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इससे लोग गुस्सा गए। अपने करीबी की मौत से मर्माहत सैंकड़ों लोगों ने पुलिस को दौड़ा दिया। पुलिस एक होटल में छिप गई। तभी सांसद रामशंकर कठेरिया पहुंचे। उन्होंने रामू के शव को उठवाया। कुछ लोगों का मानना था कि बिना मुआवजा और पुलिस पर कार्रवाई के शव नहीं उठाना चाहिए था।
आक्रोशित लोगों ने करीब आठ बजे सांसद पर हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस खुद को बचाने में लगी रही। उपद्रवियों ने पत्थर फेंककर सांसद रामशंकर कठेरिया का सिर फोड़ दिया। करीब आधा दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज और अन्य निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। करीब एक दर्जन उपद्रवियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। रात दस बजे तक बेहद तनाव का माहौल है। भारी तादात में पुलिसकर्मियों को यहां लगाया गया है।
पुलिस की कथित पिटाई से दम तोड़ चुके रामू की शादी तीन महीने पहले ही हुई थी। वह ताजमहल के पश्चिमी गेट पर पानी बेचने का ठेल लगाता था। पांच भाइयों में वह सबसे छोटा था।
आईजी भवेश कुमार सिंह ने बताया कि लोगों को संयम से काम लेना चाहिए था। यदि पुलिस के खिलाफ शिकायत थी तो आलाधिकारियों को बताना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उपद्रव को नियंत्रित कर लिया गया है। जांच कर पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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